________________ ( 200 ) उसमय पर्याय की योग्यता क्षणिक उपादान कारण से ही होता है। तब कौन-कौन सी चार वातें एक ही साथ एक ही समय मे नियम से होती हैं? उत्तर-(१) उस समय पर्याय की योग्यता क्षणिक उपादान कारण मुंह खुलनेम्प कार्य (उत्पाद) (2) अनन्तरपूर्व क्षणवर्ती पर्याय क्षणिक उपादान कारण मुंह खुलनेस्प कार्य से अनन्तरपूर्व पर्याय (व्यय) (3) त्रिकाली उपादान कारण मुंहरूप आहार वर्गणा (ध्रौव्य) (4) जान, राग-बोलना (निमित्तकारण)। जैसे मुंह खुलनेरूप कार्य मे चार वाते एक साथ एक ही समय में होती हैं, उसी प्रकार ये चार बाते प्रत्येक कार्य में एक ही साय, एक ही काल में नियम से होती है। [प्रवचनसार गाथा टीका 65] C. प्रश्न १८~रागस्प कार्य के समान विश्व में प्रत्येक कार्य उस समय पर्याय की योग्यताक्षणिक उपादान कारण से ही होता है / तब कौन-कौन सी चार बातें एक ही साथ एक ही समय में नियम से होती हैं? उत्तर-(१) उस समय पर्याय की योग्यता क्षणिक उपादान कारण रागरूप कार्य (उत्पाद) (2) अनन्तरपूर्व क्षणवर्ती पर्याय क्षणिक उपादान कारण रागरूप कार्य से अनन्तरपूर्व पर्याय (व्यय) (3) त्रिकाली उपादानकारण आत्मा का चारित्र गुण / (ध्रौव्य) (4) बोलना, मुंह खुला, ज्ञान, निमित्तकारण / जैसे रागरूप कार्य मे चार बाते एक साथ एक ही काल मे होती है, उसी प्रकार ये चारो वाते प्रत्येक कार्य मे एक ही साथ एक ही काल मे नियम से होती हैं। [प्रवचनसार गाथा टीका 65] D प्रश्न १८-ज्ञान रूप कार्य के समान विश्व में प्रत्येक कार्य उस समय पर्याय की योग्यता क्षणिक उपादान कारण से ही होता है। तब कौन-कौन सी चार बातें एक ही साथ एक ही समय में नियम से होती है ?