________________ ( 185) ज्ञानरूप कायं का राग, बोलना, मुंह खुला आदि निमित्त कारणो से सर्वया सम्बन्ध नहीं है। ज्ञानगुण तो सब आत्माओं के पास है। तो उन सबको, राग, बोलना, मुह खुला सम्बन्धी आदि का ज्ञान क्यों नहीं होता है। अतः आपका ऐसा कहना कि ज्ञानगुण उपादान कारण और राग, बोलना, मुंह खुलादि सम्बन्धी का ज्ञान उपादेय-यह आपकी बात झूठी साबित होती है ? उत्तर-अरे भाई हमने आत्मा के ज्ञानगुण को राग, बोलना, मुंह खुला आदि सम्बन्धी ज्ञानरूप कार्य का उपादान कारण कहा है। वह तो राग, बोलना, मुंह खुला आदि निमित्तकारणो से पृथक् करने की अपेक्षा से कहा है। वास्तव में आत्मा का ज्ञानगुण भी राग, बोलना,'मुह खुला आदि सम्बन्धी ज्ञानरूप कार्य का सच्चा उपादान कारण नहीं है। A. प्रश्न ८-भाषा वर्गणा भी बोलने रूप कार्य का सच्चा उपादान कारण नहीं है। तो यहां पर बोलने रूप कार्य का सच्चा उपावान कारण कौन है ? . ..उत्तर-भाषा वर्गणा मे अनादिकाल से पर्यायो का प्रवाह चला आ रहा है। मानो दस नम्बर पर बोलने रूप कार्य बना तो उसमे अनन्तरपूर्व क्षणवर्ती पर्याय नौ नम्बर क्षणिक उपादान कारण बोलने / रूप कार्य का यहाँ पर सच्चा उपादान कारण है। B. प्रश्न ५-मुह रूप आहार वर्गणा भी मुह खुलने रूप कार्य का . सच्चा उपादान कारण नहीं है। तो यहां पर मुह खुलने रूप कार्य का ... सच्चा उपादान कारण कौन है ? . . उत्तर-मुंह रूप आहार वर्गणा में अनादिकाल पर्यायो का प्रवाह . / चला आ रहा है। मानो दस नम्बर पर मुंह खुलने रूप कार्य हुआ।