________________ ( 176 ) उत्तर-बिल्कुल ठीक नहीं है, क्योकि यहाँ पर मुहरूप आहारवर्गणा त्रिकाली उपादान कारण और मुह खुला उपादेय है। C. प्रश्न ३-बोलने रूप भाषा वर्गणा और मुंह रूप आहारवर्गणा उपादान कारण और राग उपादेय / क्या यह उपादान-उपादेय का ज्ञान ठीक है? उत्तर-बिल्कुल ठीक नहीं है, क्योकि यहाँ पर आत्मा का चारित्र गुण त्रिकाली उपादान कारण और राग उपादेय है। ____D. प्रश्न ३-~-रागरूप चारित्र गुण, बोलने रूप भाषा वर्गणा, मुंहरूप आहार वर्गणा उपादान कारण और ज्ञान उपादेय। क्या यह उपादान-उपादेय का ज्ञान ठीक है? उत्तर-बिल्कुल ठीक नहीं हैं, क्योकि यहाँ पर आत्मा का ज्ञान गुण त्रिकाली उपादान कारण और ज्ञान उपादेय है। A. प्रश्न ४-यदि कोई चतुर मुझ आत्मा, मुंहरूप आहार वर्गणा उपादान कारण और बोलने रूप कार्य उपादेय। ऐसा ही माने तो क्या दोष माता है ? उत्तर-मुझ आत्मा, मुंहरूप आहार वर्गणा नष्ट होकर भाषा वर्गणा बन जावे तो ऐसा माना जा सकता है कि मुझ आत्मा, मुंहरूप आहारवर्गणा उपादान कारण और बोलने रूप कार्य उपादेय / लेकिन ऐसा नही हो सकता है, क्योकि उपादान-उपादेय अभिन्न सत्ता वाले पदार्थो मे ही होता है / आत्मा, मुंह-बोलना जिनकी सत्ता-सत्त्व भिन्नभिन्न है, ऐसे पदार्थों मे उपादान-उपादेय नही होता है। ____B. प्रश्न ४--यदि कोई चतुर मुझ आत्मा, बोलने रूप भाषा वर्गणा उपादान कारण और मुंह खुला उपादेय। ऐसा ही माने तो क्या दोष आता है? उत्तर-मुझ आत्मा, बोलने रूप भाषा वर्गणा नष्ट होकर मुंहरूप