________________ मैंने मुंह से शब्द बोला का चार्ट ध्यान से देखो महरूप भाषावर्गणा त्रिकाली उपादान | ज्ञान गुण चारित्र गुणोआहारवर्गणा कारण | स्कध | omar msur 9 Porrmusur 9 ] anormy owaisi w अनन्तरपूर्व क्षणवर्ती पर्याय क्षणिक उपादान कारण उस समय पर्याय की योग्यता क्षणिक 10 उपादान कारण 10 / 10 / (कार्य) उपादेय नैमित्तिक ज्ञान हुआ | राग हुआ | मुह हिला शब्द हुआ प्रत्यक्ष परोक्ष का ही भेद है इतना विशेष जानना चाहिए कि केवलज्ञानी तो साक्षात् शुद्धात्म स्वरूप ही है और श्रुतज्ञानी भी शुद्धनय के अवलम्बन से आत्मा को ऐसा ही अनुभव करते हैं / प्रत्यक्ष और परोक्ष का ही भेद है। [ समयसार (गाथा 320 के भावार्थ से) ]