________________ ( 154 ) सज्वलन-क्रोधादि का मद उदय निमित्त तथा (आ) शुद्धोपयोग दशा नैमित्तिक और तीन चौकडी तथा सज्वलन के तीन उदय का अभाव निमित्त / प्रश्न ५७-जीव का स्वभाव द्रव्य कर्म के अभावरूप कब होता उत्तर-जीब के स्वभाव मे द्रव्यकर्म के अभाव का और सद्भाव का कोई सम्बन्ध नही है क्योकि स्वभाव त्रिकाल एक रूप रहता है। प्रश्न ५८-मोक्षमार्ग में प्रकाश किसका है ? उत्तर--सवर-निर्जरारूप निश्चय रत्नत्रयरूप जनधर्म का प्रकाश प्रश्न ५९-क्या उपामश्रेणी और क्षपकश्रेणी का कारण द्रव्य'कर्म है ? उत्तर-बिल्कुल नहीं, क्योकि श्रेणी का कारण उस समय पर्याय की योग्यता क्षणिक उपादान कारण है / प्रश्न ६०-एक जीव अनन्त काल पहले मोक्ष गया और एक अब जा रहा है और अन्य आगे जावेंगे / उसका क्या कारण है ? उत्तर-'उस समय पर्याय की योग्यता क्षणिक उपादान कारण' प्रश्न ६१-क्या जीव को अशुद्धता मे उपादान कारण द्रव्य कर्म उत्तर-विल्कुल नही, क्योकि उस समय पर्याय की योग्यता 'क्षणिक उपादान कारण सच्चा उपादान कारण है, द्रव्यकर्म कारण 'नही है। प्रश्न ६२-निमित्त-नैमित्तिक जानने से कौन सी खोटी मान्यता दूर हो जानी चाहिये ? उत्तर-एक-दूसरे मे करने-कराने की और भोक्ता-भोग्य की बुद्धि नष्ट हो जानी चाहिए।