________________ ( 152 ) उत्तर-अगुरुलघुत्व प्रतिजीवी गुण की शुद्ध पर्याय नैमित्तिक और गोत्रकर्म का अभाव निमित्त / / प्रश्न ४३-सूक्ष्मत्व प्रतिजीवी गुण की शुद्ध पर्याय प्रगटी, तो निमित्त-नैमित्तिक कौन है ? उत्तर--सूक्ष्मत्व प्रतिजीवी गुण की शुद्ध पर्याय नैमित्तिक और नाम कर्म का अभाव निमित्त। प्रश्न ४४---परम ज्ञायक स्वभाव मे निमित्त-नैमित्तिक क्या है ? उत्तर-परम ज्ञायक स्वभाव निरपेक्ष स्वभाव है। इसमे निमित्तनैमित्तिक नही होता है। क्योकि निमित्त-नैमित्तिक दो स्वतन्त्र पर्यायो के बोच मे होता है। प्रश्न ४५--क्या द्रव्य कर्म है, इसलिये दोष है ? उत्तर-बिल्कुल नही, क्योकि दोनो द्रव्यो के द्रव्य, क्षेत्र, काल, भाव, पृथक्-पृथक् है। इसलिए द्रव्य कर्म है तो जीव मे दोष हुआ-- ऐसा नहीं है। प्रश्न ४६-क्या दोष है इसलिये द्रव्य कर्म है ? उत्तर--विल्कुल नही, क्योकि दोनो पृथक्-पृथक् पदार्थ हैं / प्रश्न ४७-ऐसा कौनसा द्रव्य है जिसकी पर्याय में निमित्त-नैमित्तिकपना न हो? उत्तर-ऐसी कोई भी द्रव्य की पर्याय नहीं है। क्योकि पर्याय मे निमित्त-नैमित्तिकपने का स्वभाव है और स्वभाव का कभी अभाव होता नही है। प्रश्न ४जीव की अशुद्ध दशा मे निमित्त-नैमित्तिक सम्बन्ध क्या है ? उत्तर---जीव की अशुद्ध दशा नैमित्तिक और द्रव्यकर्म का उदय निमित्त / प्रश्न ४६-जीव पुद्गल गति करे तो निमित्त-नैमित्तिक क्या है ?