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( ११४ ) दान कारण है और जो घड़ा बना वह कार्य है। वह १६६वें प्रश्न के उत्तर मे बताया 'कुम्हार आदि से नहीं । कुम्हार आदि' मे कौनकौन हैं । जिनसे घडा नहीं बना तथा प्रत्येक पर 'कारणानुविधायोनि कार्याणि को कब माना और कब नहीं माना । लगाकर समझाइये?
उत्तर-(१) कुम्हार का राग, (२) हाथ-कीली-चाक-इन्डा, (३) अहारवर्गणा को छोडकर वाकी वर्गणाओ, (४) मिट्टी (५) पिण्ड यह सव कुम्हार आदि मे आते हैं इनसे बडा नहो वना। एकमात्र उस समय पर्याय की योग्यता क्षणिक उपादान कारण से घडा बना।
(आठो कर्मो के अभाव से मोक्ष हुआ-इस वाक्य मे से (१) मोक्ष (२) आठो कर्मों के अभाव पर १८-१८प्रश्न उपादान उपादेय के लगाकर यहां से शुरू करो)
प्रश्न १६८-'ज्ञान क्रियाभ्याम् मोक्ष.' इसमे ऐसा लगता है कि आत्मा का ज्ञान और शरीर की क्रिया उपादान कारण और मोक्ष कार्य, 'कारणानुविधायोनि कार्याणि' को माना?
उत्तर-"कारणानुविधायीनि कार्याणि" को विल्कुल नहीं माना क्योकि उस समय पर्याय की योग्यता मोक्ष क्षणिक उपादान कारण और मोक्ष कार्य है।
प्रश्न १९६-मोक्ष का त्रिकालीउत्पादन कारण और अभाव रूप उपादान कारण कौन है ?
उत्तर-आत्मा त्रिकाली उपादान कारण है और अनन्तरपूर्व क्षणवर्ती पर्याय क्षणिक उपादा कारण १४वाँ गुणस्थान अभावरूप कारण है।
प्रश्न २००-मोक्ष का कारण कौन-कौन नहीं है तथा प्रत्येक पर 'कारणानुविधायोनि कार्याणि को कब माना और कब नहीं माना। लगाकर समझाइये ?
उत्तर-(१) औदारिकशरीर। (२) द्रव्यकर्म का अभाव । (३) वजवृषभनाराच महनन । (४) चौथा काल । (५) आत्मा। (६) अनन्तर