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प्रश्न १६३ - केवलज्ञान का सच्चा कारण कौन है? उत्तर - उस समय पर्याय की योग्यता क्षणिक उपादान कारण ही केवलज्ञान का सच्चा कारण है ।
प्रश्न १९४ - उस समय पर्याय की योग्यता क्षणिक उपादान कारण ही केवलज्ञान का सच्चा कारण है तो केवलज्ञान का सच्चा कारण कौन-कौन नहीं है । तथा प्रत्येक पर ' कारणानुविधायोनि कार्याणि' को कब माना और कब नहीं माना -लगाकर समझाइये ? उत्तर - (१) चौथा काल (२) केवलज्ञानावरणी कर्म का अभाव (३) वज्रवृषभनाराच सहनन ( ४ ) आत्मा ( ५ ) ज्ञान गुण को छोडकर वाकी अनन्त गुण (६) ज्ञान गुण (७) शुक्ललेश्या आदि मन्द कषाय का शुभभाव ( ८ ) अनन्तरपूर्व क्षणवर्ती पर्याय क्षणिक उपादान कारण भाव श्रुतज्ञान यह सब केवलज्ञान के सच्चे कारण नही हैं ।
प्रश्न १६५ - केवलज्ञान का त्रिकाली उपादान कारण, अभावरूप उपादान कारण कौन है
?
उत्तर - आत्मा का ज्ञानगुण त्रिकाली उपादान कारण है और अनन्तरपूर्व क्षणवर्ती पर्याय क्षणिक उपादान कारण भावश्रुतज्ञान अभावरूप कारण है और केवलज्ञान कार्य है ।
( कुम्हार ने घडा बनाया - इस वाक्य मे से (१) घडा (२) कुम्हार का राग पर १८-१८ प्रश्न उपादान - उपादेय के लगाकर यहा से शुरू करो )
प्रश्न १६६ - कुम्हार ने घडा बनाया- इसमे कुम्हार कारण और घडा बना कार्य, 'कारणान विधायीनि कार्याणि' को कब माना ? उत्तर— नही माना, क्योकि आहारवर्गणा रूप मिट्टी मे से अनन्तर पूर्व क्षणवर्ती पर्याय क्षणिक उपादान कारण पिण्ड का अभाव करके उस समय पर्याय की योग्यता क्षणिक उपादान कारण से घडा वना, कुम्हार आदि से नही तव कारणानुविधायीनी कार्याणि को माना ।
प्रश्न १६७ - घड़ा उस समय पर्याय की योग्यता क्षणिक उपा