________________
( ८६ )
पर्याय है। ३- अन्धेरा:- पुद्गल के घर्ग गुण को विभाव अर्थ पर्याय है। 1. उजाला:- पुद्गल के वर्ण गुण की विभाव पर्थ पर्याय है । ५- सपोशरणः- पुद्गल के प्रदेशत्व गुण की विमाव घ्यंजन
पर्याय है। ६. बादलों का रंग:- पुद्गल के वर्ग गुण की विमाव अर्थ
पर्याय है। ७- मेघ गर्जना:- भापा वर्गणा के शब्द रूप समारजाति द्रव्य
पर्याय है। ८- स्याही:- पुद्गल के वर्ग गुण को विभाव अर्थ पर्याय है। ६- शीशे का प्रतिबिम्बः पुद्गल के वर्ग गुगा को विभाव अर्थ
पर्याय है।
प्र० ६५. पहिले प्रथे पर्याय शुद्ध हो फिर व्यंजन पर्याय शुद्ध हो ऐसा किन
द्रव्यों में होता है ? माव जीव द्रव्य में ही होता है प्रौरों में नहीं। १. चौथे गुरण स्थान में श्रद्धा गुण की अर्थ पर्याय शुद्ध होती
२- १२वें गुरणस्थान में चारिव गुण की अर्थ पर्याय शुद्ध होती है ३. १३वें गुणस्थान में ज्ञावदर्शन सुख और वीर्य गुणों की
प्रथं पर्याय परिपूर्ण शुद्ध होती हैं । ४. १४वें गुणस्थान में योय गुण की प्रथं पर्याय शुद्ध होती है। ५- सिद्ध दशा होने पर वैभाविक गुण, क्रियावती शक्ति तथा