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________________ ( ८४ ) पर्याय में समानता है और स्वभाव अर्थ पर्याय में अन्तर होता है । प्र० ४४. पहले अर्थ पर्याय शुद्ध हो फिर व्यंजन पर्याय शुद्ध हो, ऐसा उ० किन द्रव्यों में होता है ? किसी किसी गुगा की अर्थ द्रव्य के सब गुग्गों की अर्थ पर्याय व्यंजन पर्याय भी शुद्ध हो जाती है । पर्याय पहले शुद्ध होती है जब जीव परिपूर्ण शुद्ध हो जाय उसी समय प्र० ४५. स्वभाव व्यंजन पर्याय और स्वभाव अर्थ पर्याय किस द्रव्य में एक साथ होती है ? उ० पुद्गल परमाणु में होती है । प्र० ४६. नीम्बू के पेड़ में कौन कौन सी, कैसे २ पर्याय घट सकती हैं ? (१) नीम्बू का पेड़, आत्मा, कार्मारण, तंजस, श्रदारिक शरीर की अपेक्षा देखें तो ग्रसमानजाति द्रव्य पर्याय है । उ० ( २ ) ग्रात्मा से रहित नीम्बू को विचारे तो समानजाति द्रव्य पर्याय है । (३) नीम्बू को आकार की अपेक्षा विचारें तो विभाव व्यंजन पर्याय है । ( ४ ) नीम्बू को प्रदेशत्व गुण को छोड़कर बाकी गुणों की अपेक्षा विचारें तो विभाव अर्थ पर्याय हैं । कथन करने वाले के अभिप्राय की अपेक्षा यह बात है । प्र० ४७. ( १ ) दाल (२) किताब ( ३ ) महावीर भगवान (४) शब्द ( ५ ) मन (६) मकान (७) सोना (८) केवल ज्ञान ( 2 ) क्षायिक सम्यकत्व (१०) दर्शन मोहनीय का क्षय ( ११ ) ज्ञानावर्णी का उदय में समनजाति द्रव्य पर्याय, असमान जाति द्रव्य पर्याय, व्यंजन पर्याय, अर्थ पर्याय जो लग सकती हैं।
SR No.010116
Book TitleJain Siddhant Pravesh Ratnamala 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Mumukshu Mandal Dehradun
PublisherDigambar Jain Mumukshu Mandal
Publication Year
Total Pages219
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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