________________
उ०
( ७८ ) प्र० २३. विभाव अर्थ पर्याय किसे कहते हैं ? उ० पर निमित के संबध वाली जो अर्थ पर्याय होती है उसे विभाव
अर्थ पर्याय कहते हैं। जैसे जीव में रागद्व पादिक । प्र० २४. मिथ्य दृष्टि संसारी जीवों में कौन २ सी पर्यायें होती हैं ? उ० विभाव व्यंजन पर्याय और विभाव अर्थ पर्याय ही होती है। प्र० २५. सिद्ध भगवान में कौन २ सी पर्याय होती है ? उ० स्वभाव व्यंजन पर्याय और स्वभाव अर्थ पर्याय ही होती हैं। प्र० २६. चौथे गुगास्थान से १४वें गुगण स्थान तक कौन २ सी पर्याय
होती हैं ? विभाव व्यंजन पर्याय, स्वभाष अर्थ पर्याय और विभाव
अर्थ पर्याय इसी प्रकार तीन प्रकार को पर्यायें होती हैं। प्र० २७. चौथे से १४वे गुणस्थान तक तीन पर्याय एक सी होती हैं या
कुछ अन्तर है ? उ० चौथे गुणस्थान से १४वें गुणस्थान तक जितनी शुद्धि है वह स्वभाव अर्थ पर्याय है और जो अशुद्धि है वह विभाव अर्थ पर्याय है। विभाव व्यंजन पर्याय में अन्तर नहीं है । प्र० २८. मिथ्यादृष्टि के अस्तित्व आदि गुण शुद्ध कहे जाते हैं उसकी
उनके स्वभाव अर्थ पर्याय क्यों नहीं कही जाती है ? उ० जैसे किसी के पास होरा जवाहरात सोना चांदी दबा पड़ा है परन्तु उसे मालूम नहीं है। उसी प्रकार मिथ्यादृष्टि को अपना पता न होने से स्वभाव अर्थ पर्याय नहीं कही जाती है । प्र० २६. परमाणु में कौन २ सी पर्यायें होती हैं ?