________________
( ७६ ) उ० दो या अनेक जाति के द्रव्यों में एकपने का ज्ञान असमानजाति
द्रव्य पर्याय है। प्र० ११. समानजाति द्रव्य पर्याय के कुछ नाम बतायो ? उ० (१) बिस्तरा (२) कम्बल (३) रोटी (४) हलवा (५) मेज (६) किताब । इसमें अनेक पुद्गलों में एकपने का ज्ञान होता है। यह समान जाति द्रव्य पर्याय के उदाहरण हैं। प्र० १२. असमान जाति द्रव्य पर्याय के कुछ नाम बतायो ? उ० आत्मा, द्रव्य कर्म और शरीर के संबंध को असमानजाति द्रव्य
पर्याय कहते हैं। प्र० १३. समानजाति और असमानजाति द्रव्य पर्याय का ज्ञान कब कहा
जावेगा। उ० (१) बिस्तरा कहते ही अनन्त पुद्गल परमारों में एकएक परमाणु अपने २ गुण पर्याय सहित पृथक-पृथक कार्य कर रहा है तब बिस्तरा को समान जाति द्रव्य पर्याय कहा जावेगा ।
(२) मनुष्य कहते ही प्रात्मा पृथक, तैजस शरीर, कार्मण शरीर, औदारिक शरीर भाषा और मन में एक २ परमाणु स्वतंत्र रूप से परिणमन कर रहा है तथा आत्मा का पुदगलों से कोई सम्बन्ध नहीं है । तब मनुष्य को असमानजाति द्रव्य पर्याय कहा जावेगा। इसका ज्ञान सम्यग्दृष्टि को ही होता; है मिथ्यादृष्टि को नहीं । प्र० १४. गुरण पर्याय किसे कहते हैं ? उ० गुण के कार्य को गुण पर्याय कहते हैं। प्र० १५. गुण पर्याय के कितने भेद हैं ?