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________________ ( ७१ ) प्र० ३२. छहों द्रव्यों में पाया जाता है उसे क्या कहते हैं ? सामान्य गुण । प्र० ३३. जो अपने अपने द्रव्य में पाया जाता है उसे क्या कहते हैं ? विशेष गुण । उ० उ० प्र० ३४. सामान्य गुण कितने है ? अनेक हैं लेकिन मुख्य छह हैं । उ० उ० प्र० ३५. सामान्य गुरण अनेक हैं उनमें छह को हो मुख्य क्यों किया ? यहां पर मोक्षमार्ग की सिद्धि करना है इसलिए इन छह सामान्य गुणों से मोक्षमार्ग की सिद्धि जानकर मुख्य किया है । २ से हैं ? प्रo ३६. मुख्य छह सामान्य गुण कौन १. अस्तित्व २. वस्तुत्व ३. द्रव्यत्व घुत्व ६. प्रदेशत्व । उ० हैं और कौन २ से हैं ? प्र ० ३७. जीव के विशेष गुण कितने जीव के विशेष गुण भी अनेक हैं । दर्शन ज्ञान चारित्र, मुख, क्रियावती शक्ति, वैभाविक शक्ति इत्यादि । उ० ४. प्रमेयत्व ५. गुरूल प्र० ३८. पुद्गल के विशेष गुण कितने हैं और कौन २ से हैं ? उ० उ० पुद्गल के विशेष गुण अनेक हैं । स्पर्श, रस, गंध, वर्ण, क्रियावती शक्ति वैभाविक शक्ति इत्यादि । प्र० ३६. धर्म द्रव्य के विशेष गुण कितने हैं और कौन २ से हैं ? धर्म द्रव्य के विशेष गुगा अनेक हैं । गति हेतुत्व इत्यादि । प्र० ४०. अधर्म द्रव्य के विशेष गुण कितने हैं और कौन २ से हैं ? धर्म द्रव्य के विशेष गुण अनेक हैं । स्थिति हेतुत्व इत्यादि । उ०
SR No.010116
Book TitleJain Siddhant Pravesh Ratnamala 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Mumukshu Mandal Dehradun
PublisherDigambar Jain Mumukshu Mandal
Publication Year
Total Pages219
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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