________________
( ७० ) प्र० २६. रस गुण जीव द्रव्य के सम्पूर्ण भागों और सम्पूर्ण अवस्थाओं में
त्रिकाल पाया जाता है ? उ० ठीक नहीं है क्योंकि रस गुण पुद्गल द्रव्य के सम्पूर्ण भागों और
सम्पूर्ण अवस्थानों में पाया जाता है जीव द्रव्य में नहीं। प्र० ३०. (१) श्रद्धा गुण द्रव्य के सम्पूर्ण भागों और सम्पूर्ण अवस्थाओं में
पाया जाता है। (२) कियावतीशक्ति द्रव्य के सम्पूर्ण भागों और सम्पूर्ण अव
स्थानों में पायी जाती है। (३) गति हेतुत्व गुण जीव द्रव्य के सम्पूर्ण भागों और सम्पूर्ण
प्रवस्थानों में पाया जाता है। (४) चारित्र गुण जीव और पुद्गल के सम्पूर्ण भागों और सम्पूर्ण
अवस्थानों में पाया जाता है । (५) गंध गुण जीव द्रव्य के सम्पूर्ण भागों और सम्पूर्ण अवस्थाओं
में पाया जाता है। (६) ज्ञान गुण जीव द्रव्य के सम्पूर्ण भागों और सम्पूर्ण अवस्थाओं
में पाया जाता है। ऊपर के वाक्यों में गुण की परिभाषा जिस द्रव्य के साथ लगाई है वह
ठीक है या नहीं। यदि गलत है तो ठीक बतायो ? उ० जबानी लगाकर बतानो [प्रश्न २६ के मुताबिक] प्र० ३१. गुणों के जानने से क्या लाभ है ? उ० मैं जीव द्रव्य हूँ और अपने अनन्त गुणों से भरपूर तीनों काल श्रीमंत हूँ, रंक नहीं हूं, ऐसा जानकर अपने में लीन होना यह गुणों के जानने का लाभ है।