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( ६६ ) उ० किसी भी अपेक्षा से (निश्चय यो व्यवहार से) द्रव्य से गुण पृथक नहीं है। प्र० २३. ऐसे द्रव्यों के नाम बतानो जिसमें सामान्य गुण हों और विशेष गुण ना हों ? उ० ऐसा एक भी गुण नहीं है क्योंकि जहां सामान्य गुण होते हैं वहां
विशेष गुण नियम से होते ही हैं। प्र० २४. द्रव्य में सामान्य गुण ना माने तो क्या नुकसान है ? उ० द्रव्यपना ही ना रहे प्रर्थात् द्रव्य के नाश का प्रसंग उपस्थित हो
जावेगा। प्र० २५. द्रव्य में विशेष गुण ना माने तो क्या नुकमान है ? उ. एक द्रव्य को दूसरे द्रव्य से अलग न कर सकेगे ? प्र० २६. द्रव्य गुण में संख्या भेद है या नहीं ? उ० है । द्रव्य एक और गुण अनेक ऐसा प्रत्येक द्रव्य में है। प्र० २७. ज्ञान गुण को गुण की परिभाषा में लगायो ? उ० ज्ञान गुण जीव द्रव्य के सम्पूर्ण भागों में और सम्पूर्ण अवस्थानों
में त्रिकाल रहता है। प्र० २८. (१) रस गुण (२) चारित्र गुण (३) ज्ञान गुण (४) गति हेतुत्व गुण (५) वर्ण गुण (६) परिणमन हेतुत्व गुण (७) गंध गुण (८) प्रवगहन हेतुत्व गुण (6) प्रानन्द गुण (१०) अस्पर्श गुण प्रादि सबको गुण की परिभाषा में लगाकर बतायो ? उ० (१) रस गुण पुद्गल द्रव्य के सम्पूर्ण भागों में और सम्पूर्ण प्रव
स्थानों में त्रिकाल रहता है। इसी प्रकार जबानी ६ लगायो।