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कालद्रव्य का लक्षरण सत् कहें तो क्या दोष आता है ? प्रतिव्याप्ति दोष प्राता है ।
काल द्रव्य में उत्पाद व्यय ध्रौव्यपना है या नहीं ? अवश्य ही है क्योंकि प्रत्येक द्रव्य में उत्पाद व्यय धौव्यपना होता है और काल द्रव्य भी है ।
उ०
प्र० ७.
उ०
प्र० ८.
प्र ० ६. काल द्रव्य के कितने भेद हैं ?
उ०
प्र० १०. निश्चयकाल किसे कहते हैं ?
काल द्रव्य को निश्चयकाल कहते हैं । प्र० ११. व्यवहार काल किसे कहते हैं ? समय, पल, घड़ी, दिन महीना,
उ०
उ०
कहते हैं ।
(१) निश्चयकाल ( २ ) व्यवहारकाल, दो भेद हैं ।
प्र० १२. काल द्रव्य अस्तिकाय क्यों नहीं है ?
उ०
बहुप्रदेशी ना होने से अस्तिकाय नहीं है । काल द्रव्य की प्रस्ति है काना नहीं है ।
वर्ष आदि को व्यवहार काल
प्र० १३. एक काल द्रव्य तथा दूसरे काल द्रव्य का क्षेत्र काल भाव एक ही है ना ?
उ०
पृथक है ।
प्र० १४. काल द्रव्य की विशेषता क्या २ है ?
उ०
बिल्कुल नहीं । सब काल द्रव्यों का द्रव्य क्षेत्रकाल भाव पृथक
(१) प्रत्येक काल द्रव्य एक प्रदेशी है (२) श्ररूपी है, (३) श्रस्ति है, काय नही है, (४) नित्य (५) अवस्थित है।
प्र० १५. कालद्रव्य को स्थान देने में कौन निमित्त है ?