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उ० आकाश द्रव्य । प्र० १६. काल द्रव्य किसको निमित्त है ? उ० स्वयं परिणमते हुए सब द्रव्यों को निमित्त है । प्र० १७. लोकाकाश के एक प्रदेश में रहने वाले अनंत द्रव्यों के परिणमन में कौन निमित्त है ? उ० वहां का काल द्रव्य ही निमित्त है । प्र० १८. काल द्रव्य को चलने और ठहरने में कौन निमित्त है ? उ० काल द्रव्य अनादि अनंत स्थिर है वह चले या चल कर ठहरे ऐसा उनमें होता ही नहीं है। प्र. १६. पंचम काल में मुक्ति नहीं होतो, ऐसा क्यों कहा है ? उ० (१) पंचम काल में दृष्टि-मुक्ति होती है और मोह-मुक्त, विदेह
मुक्त, जीवन-मुक्त मुक्ति पंचम काल में उत्पन्न होने वाला इतना तीव्र पुरुषार्थ नहीं कर सकेगा इस लिए पचम काल
में मुक्ति नहीं होती है। (२) जम्बू कुमार अादि पंचम काल में ही मोक्ष गये हैं और
विदेह क्षेत्र के मुनि के कोई पूर्व भव का बैरी देव उठा
लावे वह मुक्ति प्राप्त कर लेता है । प्र० २० काल द्रव्य को जानने का क्या लाभ है ? उ. काल स्वतंत्र द्रव्य है इससे मेरा संबंध नहीं है ऐसा जानकर अपना पाश्रय ले तो काल द्रव्य को जाना।