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प्र० ७४. कोई पुद्गल का लक्षण चेतन कहे तो क्या दोष है ?
उ० असम्भव दोष प्राता है ।
प्र० ७५. पुद्गल का लक्षरण गति हेतुत्व गुग्गु कहें तो क्या दोष प्राता है ? असम्भव दोष प्राता है ।
प्र ० ७६. जिसमें स्पर्श हो बाकी गन्ध रस व ना हो ऐसे पुद्गल का नाम बताओ ।
उ०
उ७ जहाँ स्पर्श होगा वहां नियम से गन्ध व रस होगा ही इसलिए जिसमें स्पर्श हो बाकी गन्धादि न हो ऐसा पुद्गल होता ही नहीं । प्र० ७७. पुद्गल की शुद्ध दशा का क्या नाम है ?
परमाणु |
प्र० ७८. पुद्गल को अशुद्ध दशा का क्या नाम है ? उ० स्कंध |
उ०
प्रo ७९. जो पुद्गल में पाये जावें वह ही बातें दूसरे द्रव्यों में पाई जावें वह क्या है ?
उ०
(१) द्रव्य का लक्षण अस्तित्व है । वह पुद्गल में भी पाया जाता है बाकी द्रव्यों में भी (२) पुद्गल त्रिकाल कायम रहकर पुरानी अवस्था का व्यय और नई अवस्था का उत्पाद करता है, बाकी द्रव्यों में भी ऐसा होता है । (३) पुद्गल अपनी गुण अवस्था वाला है । बाकी द्रव्य भी हैं । (४) पुद्गल का नाश नहीं होता इसलिए नित्य है, और परिणमन करता है इसलिए अनित्य है । यह बात भी सब द्रव्यों पर लागू होती है ।
प्र० ८ सबसे ज्यादा संख्या में कौन द्रव्य है ?
उ०
पुद्गल ।
प्र० ८१. पुद्गल चलता है या नहीं, यदि चलता है तो इसमें निमित्त कौन