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प्र० ३७. तेजस शरीर का कर्ता कौन है और कौन नहीं ? उ० तैजस शरीर का कर्ता तैजस वर्गणा है, जीव और दूसरी वर्ग गा नहीं । प्र० ३८. ज्ञानावर्णी दर्शनावर्णी प्रादि कर्मों का कर्ता कोन है, कौन नहीं ? उ. ज्ञानावर्णी आदि पाठ कर्मों का कर्ता कार्मण वर्गणा है, जोव और बाकी वर्गणा नहीं है। प्र० ३६. आपके कितने शरीर हैं ? उ० मैं तो प्रात्मा हूं मेरे कोई भी शरीर नहीं है । प्र० ४०. देव नारकियों के कितने २ शरीर है ? उ. देव नारको भी प्रात्मा हैं उसके कोई भी शरीर नहीं है । प्र. ४१. भाषा तो जीव बोलता है ना ? उ० भाषा का कर्ता भाषा वर्गणा है, जीव नहीं है। प्र० ४२. रोटी बनाने और रोटी खाने का कर्ता आत्मा है ना ? उ० रोटी बनाने और खाने का कर्ता प्राहार वर्गणा है, प्रात्मा नहीं है प्र० ४३. मोहनीय कर्म का क्षप किस जीव ने किया ? उ. मोहनीय कर्म के क्षय का कर्ता कार्मण वर्गणा है कोई भी जीव नहीं । प्र० ४४. किताब उठाने धरने का कर्ता जीव है ना ? उ० किताब उठाने और धरने का कर्ता प्राहार वर्गणा है जीव और दूसरी वर्गणा नहीं है। प्र० ४५. सुबह उठना, टट्टी जाना, नहाना, कपड़े पहिनना, उतरना बिस्तर बिछाना, इकट्ठा करना, दुकान को सजाना, सोने का हार बनाना