________________ ( 204 ) (18) भावकर्म-चारित्र गुण की विभाव अर्थ पर्याय है / (19) I ज्ञान अर्थात् प्रात्मा, I ज्ञान गुण, III ज्ञानी के सम्यर ज्ञान को ज्ञान कहते हैं। (20) केवल ज्ञान-जीव द्रव्य के ज्ञान गुण को स्वभावअर्थ पर्याय है। (21) मोक्ष--जीव द्रव्य के सब गुणों की स्वभावप्रर्थ पर्याय पौर स्वभाव व्यंजन पर्याय / (22) संसार-I अपने भगवान का पता न होना II मिथ्यात्व, वह संसार है। (23) चारित्र--जीव द्रव्य का गुण / (24) श्रावक-जीव द्रव्य के चारित्र गुण की एक देश स्वभाव अर्थ पर्याय / (25) मुनिदशा--जीव द्रव्य के चारित्र गुण की सकल स्वभाव पर्थ पर्याय / (26) दौड़ना-पुद्गल द्रव्य के क्रियावती शक्ति की विभावअर्थ पर्याय / (27) बैठना-पुदगल द्रव्य के क्रियावती शक्ति की विभावअर्थ पर्याय / (28) मिथ्यात्व-जीव द्रव्य के श्रद्धा गुण की विभावप्रर्थ पर्याय / (२९)सम्यक्त्व-जीव द्रव्य के श्रद्धा गुण की स्वभाव अर्थ पर्याय (30) रस-पुदगल द्रव्य का विशेष गुण / (31) खट्टा-पुद्गल द्रव्य के रस गुण की विभाव अर्थ पर्याय /