________________ (193) प्र. 53. तुम किस प्रपेक्षा असंख्य हो। उ. मैं अपने प्रदेशों की अपेक्षा असंख्य हूँ। प्र० 54. तुम किस प्रपेक्षा अनंत हो ? उ० मैं अपने गुणों की अपेक्षा अनंत हूं। प्र० 55. चक्षुदर्शन का द्रव्य गुण पर्याय क्या है ? 30 चक्षुदर्शन स्वयं पर्याय है। जीव द्रव्य के दर्शन गुण की विभाव र्य पर्याय है। प्र० 56. सम्यग्दर्शन और चक्षुदर्शन में क्या है ? उ० दोनों अलग 2 गुण की पर्याय हैं इसलिए गुण भेद है। प्र. 57. सम्यग्दर्शन और चक्षुदर्शन दोनों किसको होते हैं ? 70 साधक जीव को होते हैं। प्र. 58. चक्षुदर्शन हो और सम्यग्दर्शन ना हो क्या ऐसा होता है ? 10 (१)मिथ्यादृष्टि को चक्षुदर्शन होता है सभ्यग्दर्शन नहीं होता है (2) चक्षुदर्शन तीन इन्द्रिय वाले जीवों को भी नहीं होता है। प्र. 56. सम्यग्दर्शन हो चक्षुदर्शन ना हो, क्या ऐसा हो सकता है ? उ. देव (प्ररहंत सिद्ध) को सम्यग्दर्शन होता है और चक्षुदर्शन नहीं होता, क्योंकि उनको केवलदर्शन होता है। प्र. 60. अस्तित्व पोर वस्तुत्व गुण का द्रव्य क्षेत्र काल भाव एक ही है है ना?