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( ११ )
(१) छह द्रव्यों का एक क्षेत्रावगाही संबंध है । ( २ ) शरीर और आठ कर्मों का एक क्षेत्रावगाही संबंध है ।
प्र० ३०. स्त्री पुत्र, धन, दुकान, मकान, सोना, चाँदी का इन तीनों संबंधों में से कौन सा संबंध है ?
उ० स्त्री पुत्र प्रादि का तो किसी भी प्रकार का संबंध नहीं है । जैसे वृक्ष पर पक्षी ग्राकर बैठ जाते हैं कोई एक घन्टे में कोई दो घन्टे में उड़ जाता है; उसी प्रकार स्त्री पुत्र मकान आदि का संबंध है अर्थात् किसी भी प्रकार का संबंध नहीं है ।
प्र० ३१. जब स्त्री पुत्र प्रादि का किसो भो प्रकार का संबंध नही है तो यह मूर्ख जोव क्यों पागल हो रहा है ?
अपने आपका पता न होने से, पर पदार्थों में इसके साथ किसी भी प्रकार का संबंध न होने से, वह अपनी मूर्खता से झूठा संबंध मानकर पागल बन रहा है ।
उ०
प्र० ३२. यह पागलपन कैसे मिटे ?
उ०
विश्व में छह जाति के द्रव्य हैं। एक एक द्रव्य में दूसरे द्रव्य का कर्त्ता भोक्ता आदि किसी भी प्रकार का संबंध नहीं है प्रत्येक द्रव्य क्रमबद्ध, क्रमनियमित कायम रहता हुआ स्वयं बदलता रहता है । मैं उनमें कुछ भी हेरफेर नहीं कर सकता हूं ऐसा जानकर अपने त्रिकाली भगवान का श्राश्रय ले तो पागलपन मिटे ।
प्र० ३३. जो अपनी मूर्खता है उसका श्रात्मा के साथ कैसा संबंध है ? उ० शुभाशुभ विकारी भावों के साथ श्रात्मा का अनित्य तादात्म्य संबंध है ।
प्र० ३४. जो जीव दयादान पूजा अणुव्रत महाव्रत प्रादि जो श्रमित्य