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________________ 10 (१६० ) प्र. ११. प्रदेशत्व गुण का सादि अनंत शुद्ध परिणमन किस द्रव्य में, किस समय ? जोव द्रव्य में १४वें गुणस्थान के बाद सिद्ध दशा में सादि अनंत शुद्ध परिणमन प्रदेशत्व गुण का होता है । 1० १२. सादिसान्त शुद्ध परिण मन प्रदेशत्व गुण का कब किस समय ? परमाणु में । १० १३. परहंत दशा में प्रदेशत्व गुण का परिण मन कैसा है ? २० विभाव रूप है। 1. १४. जीव द्रव्य में प्रदेशत्व गुण का विभाव रूप परिणमन कब से कहां तक ? २० निगोद से लगाकर १४वें गुण स्थान तक। ० १५. किस द्रव्य में किस प्रवस्था में प्रदेशत्व गुण का परिणमन विभाव रूप ही रहता है। २० पुद्गल के स्कंध रूप दशा में और संसारी जीवों में । १० १६. प्रत्येक द्रव्य में व्यं नन पर्याय कितनी होती हैं ? ० एक ही होती है। १० १७. क्या सिद्ध दशा में प्रदेशत्व गुण का परिण मन सबका एक सा होता है ? नहीं । क्योंकि सिद्ध दशा में सबका साकार पलग २ है।
SR No.010116
Book TitleJain Siddhant Pravesh Ratnamala 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Mumukshu Mandal Dehradun
PublisherDigambar Jain Mumukshu Mandal
Publication Year
Total Pages219
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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