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प्र. ८. परमाणु के प्रदेशत्व गुण का प्राकार एक सा है ? ३. सब परमाणुनों का प्राकार एक सा ही है । प्र० १६. प्रदेशत्व गुण का क्षेत्र कितना बड़ा, और क्यों ? उ. जितना द्रव्य का है रतना हो क्षेत्र प्रदेशत्व गुण का है प्रदेशत्व गुण द्रव्य के सम्पूर्ण भागों में होता है ।
कि
प्र. २०. प्रदेशत्व गुण का काल शितना है और क्यों है ? उ. जितना द्रव्य का है उतना ही नाल प्रदेशत्व गुण का है ५योकि प्रदेशत्व गुण द्रव्य की सम्पूर्ण अवस्यायों में त्रिकाल रहता है।
प्र० २१ मैंने रोटी बन ई इसमें कौन २ से गुण को नहीं माना ? उ० मरा प्राकार रोटी रूप हो जावे तो ऐसा कहा जा सकता है मैंने रोटी बनाई । सो होता नहीं है । जो ऐसा मानता है मैंने रोटी बनाई उसने प्रदेशत्व गुग को नहीं माना । और रोटी का प्रकार अलग है मेरा ग्राकार अलग है. मैं रोटी बना ही नहीं सकता पर प्रदेशत्व गुण को
माना।
प्र० २२. (2) कुम्हार ने घड़ा बनाया (२) में मनुष्य हूँ (३) मैं मेज बनाता हूं (४) मैं मकान बनाता हूं (५) दर्जी ने कपड़े सिले (६) हलवाई ने मिठाई बनाई (७) मैंने किताब बनाई (८) मैंने कर्मों का नाश किया (8) सिद्ध भगवान ने पाठों कर्मों का नाश किया (१०) सम्यग्दृष्टि जीव ने दर्शन मोहनीय का क्षय किया प्रादि में प्रदेशत्व गुण को कब नहीं माना, और उसका फल क्या है ? और प्रदेशत्व गुण को कब माना और उसका. फल क्या है ?