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________________ ( १५४ ) 1. चारों गतियों में घूमकर निगोद में लाना अच्छा लगता है। प्र० २०. एका गुण दूसरे गुग में कुछ नहीं करता है तो अस्तित्व : कायम रखता है, वस्तुत्व गुण सबको प्रयोगनभूत क यं कराता है, द्रव्यत्व मुग निरन्तर चलना है ऐमा क्यों कहा जाता है ? 1. यह व्यवहार कथन है। एक मग को वर्तमान पर्याय होने से ' दूसरे गुण की वर्तमान पर्याय नि मत्त कहलाती है। 1० २१. एक गुण को पर्याय का दूसरे गुग को पर्याय के नाय कसा सबंध उ० -नैमित्तिक संबंध है, कर्ना-चर्म नहीं है । . २२. निमित्त नैमित्तिक संबंध तो दोनों की स्वतंत्र पर्यायों के बीच . पहले अपने बनाया था, अब पापन में गुला की पर्याय का दूसरे गुण की पर्याय में भी निमित्त-नैमित्तिक संबन्धका कटने हो ? उ० हां ऐना हो । प्र० २३. ज्ञान गुणा कायम अस्तित्व गुण से है ना ? उ. ज्ञान गुण कायम अपने से है अस्तित्व गुण निमित्त है। प्र० २४. ज्ञानगुण प्रयोजनभूत कार्य वस्तु व गुल से करता है ना ? । शालगुण प्रयोजनभूत कार्य : पने से करता है वस्तुत्व गुरंग निमित्त है। प्र. २५. ज्ञानगुण निरन्तर बदलता है वह द्रव्यत्व गुण ने है ना ?
SR No.010116
Book TitleJain Siddhant Pravesh Ratnamala 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Mumukshu Mandal Dehradun
PublisherDigambar Jain Mumukshu Mandal
Publication Year
Total Pages219
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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