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अर्ष
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मूल शब्द पूजा पंक्ति मिरवण
मृदंग मिरवंग सर्ज
हेम वरण शरीर है विधन
विन विधन नशावतु हो'
सन्मुख सनमुख आवत बीसवीं शती-- अरष
पूजों अरघ उतार गीयम
ग्रीष्म ग्रीषम गिरि शिर जोगधर ततकाल
करिकेश लोंच ततकाल तीक्षण
भ्रम भंजन तीक्षण सम्यक हो नगन
नगन तन १. श्री महावीर स्वामी पूजा, वृन्दावन, संगृहीत ग्रंथ-राजेश नित्य पूजापाठ
संग्रह, राजेन्द्र मटिल वक्स, हरिनगर, अलीगढ़, १६.६, पृष्ठ १३७ । २. श्री शीतलनाथ जिनपूजा, मनरंगलाल, सग्रहीत ग्रंथ--ज्ञानपीठ पूजांजलि,
अयोध्याप्रसाद गोयलीय, मत्री, भारतीय ज्ञानपीठ, दुर्गाकुण्ड रोड, बनारस, (६५७, पृष्ठ ३३६ । श्री चन्द्रप्रभु जिनपूजा, वृदावन, सगृहीत अथ-ज्ञानपीठ पूजांजलि, अयोध्याप्रसाद गोयलीय, मंत्री, भारतीय ज्ञानपीठ, दुर्गाकुण्ड रोड, बनारस,
१९५७, पृष्ठ ३३५ । ४. श्री अनंतनाथ जिन पूजा, मनरंगलाल, सगृहीत प्रथ-- ज्ञानपीठ पूजांजलि,
अयोध्याप्रसाद गोयलीय, मत्री भारतीय ज्ञानपीठ, दुर्गाकुण्ड रोड, बनारस, .१६५७, पृष्ठ ३५७ । .. श्री प्रकृतिम चैत्यालय पूजा, नेम, संगृहीतग्रन्थ- जैन पूजापाठ संग्रह,
भाग चन्द्र पाटनी, नं० ६२, नलिनी सेठ रोड, कलकत्ता-७, पृ० २५५ । ६. श्री गुरु पूजा, हेमराज, संग्रहीत ग्रंथ- बृहजिनवाणी संग्रह, पं० पन्नालाल
वाकलीवाल, मदनगंज, विशनगढ़, १९५६, पृष्ठ ३१३ । ७. श्री चादमपुर महावीर स्वामीपूजा, पूरणमल, संगृहीत प्रथ-जैन पूजापाठ
संग्रह, भागचन्द्र पाटनी, नं० ६२, नलिनी सेठ रोड, कलकत्ता-७,
पृष्ठ १६२ ।
२. श्री सिद्धपूजा, हीराचन्द, संग्रहीत ग्रंथ-- बहजिनवाणी संग्रह, पं० पन्नालाल
बाकलीवाल, मदनगज, किशनगढ़, पृष्ठ ३३२ । ६. श्री गुरु पूजा, हेमराज, संगृहीत ग्रंथ-बहजिनवाणी संग्रह, पं० पन्नालास
बाकलीवाल, मदनगंज, किशनगढ़, १६५६, पृष्ठ ३०६ ।