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परमातम
परमात्म
मुकति
मुक्ति
सो परमालमा उपचा मुकति पर आप निहार हरव विखे
हरष
अर्च
.
उन्नीसवीं शती
अरय प्रीषम धरम निरमल परसूति मारण
प्रोम धर्म निर्मल प्रसूति मार्ग
सम्बर अरघ कीन्हों . जय श्रीषम ऋतु परम धरम धर निरमल बढ़त परसूति गेह जोग मारण में
१. श्री चारित्र पूजा, धानतराय, संगृहीतग्रन्थ - राजेश नित्य पूजा पाठ
संग्रह, राजेन्द्र मेटिल वर्क्स, हरिनगर, अलीगढ़, १९७६, पृष्ठ २००। २. श्री सोलह कारण पूजा, धानतराय, राजेश नित्य पूजा पाठ संग्रह, राजेन्द्र
मेटिल वर्क्स, हरिनगर, अलीगढ़, १६७६, पृष्ठ १७६ । ३. वही। ४. श्री शीतलनाथजिनपूजा, मनरगलाल, संग्रहीत ग्रन्थ-ज्ञानपीठ पूजान्जलि,
अयोध्या प्रसाद गोयलीय, मन्त्री, भारतीय ज्ञानपीठ, दुर्गाकुण्ड रोड,
बनारस, १६५७, पृष्ठ ३४१ ।। ५. श्री अथसप्तर्षि पूजा, मनरंगलाल, सगृहीत ग्रन्थ-ज्ञानपीठ पूजांजलि,
अयोध्या प्रसाद गोयलीय, मन्त्री, भारतीयज्ञानपीठ, दुर्गावुण्ड रोड,
बनारस, १६५७, पृष्ठ ३६६ । ६. श्री शीतलनाथ जिनपूजा, मनरंगलाल, संग्रहीत प्रय-ज्ञानपीठ पूजांजलि, ___ अयोध्याप्रसाद गोयलीय, मंत्री, भारतीय ज्ञानपीठ, दुर्गाकुण्ड रोड, बनारस,
१६५७, पृ. ३४३ । ७. श्री अनंतनाथ जिनपूजा, मनरगवाल, संग्रहीत ग्रंथ-शानपीठ पूजांजलि,
अयोध्याप्रसाद गोयलीय, मत्री, भारतीय ज्ञानपीठ, दुर्गाकुण्ड रोड, बनारस,
१९५७, पृ० ३५४ । ८. श्री पंचकल्याणक पूजापाठ, कमलनयन, हस्तलिखित । ६. श्री अनंतनाथ जिनपूजा, मनरंगलाल, संगृहीत प-ज्ञानपीठ पूजांजलि,
अयोध्याप्रसाद गोयलीय, मंत्री, भारतीय ज्ञानपीठ, दुर्गाकुण्ड गोड, बनारस, १९५७, पृष्ठ ३५५।