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________________ 246 जैन ग्रंथ-प्रशस्ति संग्रह 14 नंद्याचार्य 164 पद्मनाभ (कायस्थ) 5, 6, नागकुमार 74 134, पद्मसेन 503, 187 नागचन्द्रसूरि 12 पाणिनीय मुनि 16. नागदेव पात्रकेशरी नागनंद्याचार्य 107, 106 पादपूज्य (पूज्यपाद) ,1, नागहस्ती 183 पिंगल 84 नीलग्रीव पुष्पदन्त 46, 106, 51, 165, नेत्रसिंह पुप्पसन नेमिचन्द्र 1, 20. 28, 70 पूज्यपाद 2, 26, 48, 51, 84, नेमिचन्द्र गणी 166, 167 111, 127, 143, 166, 201, नेमिचन्द्र सिद्धांत चक्रवर्ती 165 211, 215, 216, 223 नेमिचन्द्र सैद्धान्तिक 32 पूर्णेन्दु (पूर्णचन्द्र 163 नेमिचंद्राचार्य 166 प्रभजन (कवि) नेमिदत्तव्रती प्रभाचन्द्र 14, 15, 16, 21, 26, नेमिदत्त (ब्रह्म) 18 144, 156, 168, 172. 174 नेमिनाथ त्रैविद्य (यतीश) 164 प्रभाचन्द्र गणी नमिसेन 13, 16, 117.177, 178 प्रभाचन्द्र देव पद्मनन्दि 1, 11, 12, 15, 17, 19, प्रभाचन्द्र भट्टारक 21. 33, 40, 42, 43, प्रभाचंद्र मुनि 46, 46, 61, 57. 19. प्रभेन्दु (प्रभाचंद्र) 11, 12, 64. 102, 146, 154, 55 201, 202, 211, 214, 180, 165 215, 216, 223 पद्मनन्दि त्रिरात्रिक 154 प्रवचनसन (पंडित) पद्मनदि मुनि (यश: कीर्तिके गुरु) 35 प्राभाकर 154 पद्मनन्दि सैद्धांतिक) 168 224 बन्धुदेव (पंडित) पद्मनन्दी (मुनि) 165, 207, 208, बप्पनन्दि, 138, 136 206, 212, बलभद्र देव 15 4y
SR No.010101
Book TitleJain Granth Prashasti Sangraha 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParmanand Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1954
Total Pages398
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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