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________________ क्या बैन धर्म बौद्ध धर्म की एक शाखा है ? भारत के महान धर्मों में से नातपुत्त के धर्म में सबसे कम भाकर्षण है और इसकी । कोई उपयोगिता नहीं है, क्योंकि इसको मुख्य बातें है-ईश्वर को नकारना, मादमी की पूजा करना और कीड़ों को पालना । बाद में जैन धर्म के बारे में अपनी अधूरी जानकारी के बारे में उन्होंने खेद व्यक्त किया। एक पत्र में उन्होंने श्री विजय सूरि को लिखा : "मैंने अब महसूस किया है कि नों का आचार धर्म स्तुति योग्य है । मुझे अब खेद होता है कि पहले मैंने इस धर्म के दोष दिखाये ये बार कहा था कि ईश्वर को नकारना, मादमी की पूजा करना तथा कीड़ों को पालना ही इस धर्म की प्रमुख बातें हैं। तब मैंने नहीं सोचा था कि लोगों के चरित्र एवं सदाचार पर इस धर्म का कितना बड़ा प्रभाव है। अक्सर यह होता है कि किसी धर्म की पुस्तकें पढ़ने से हमें उसके बारे में वस्तुनिष्ठ ही जानकारी मिलती है, परन्तु नजदीक से अध्ययन करने पर उसके उपयोगी पक्ष की भी हमें जानकारी मिलती है और उसके बारे में अधिक अच्छी राय बनती है।" अतः यह कहा जा सकता है कि जैन धर्म के इतिहास की वस्तुनिष्ठ खोजबीन से इस मत का अनुमोदन नहीं होता कि जैन धर्म बौद्ध धर्म से निकला है और फिर इसका स्वतंत्र विकास हुआ है। हमने यह दर्शाने का प्रयत्न किया है कि जैन धर्म की प्राचीनता सिद्ध करने के लिए इसे पीछे मानव-जाति की उत्पत्ति तक ले जाने के लिए,-कोई निर्विवाद ऐतिहासिक प्रमाण न होने पर भी हमें यह स्वीकार करना होगा कि जैन धर्म बौद्ध धर्म की मात्र एक शाखा नहीं है, बल्कि इसका जन्म पहले हुआ है। 27. श्री. शाह सारा सा, पूजा, भूमिका, '• xix-xx
SR No.010094
Book TitleJain Darshan ki Ruprekha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorS Gopalan, Gunakar Mule
PublisherWaili Eastern Ltd Delhi
Publication Year
Total Pages189
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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