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पनिमातीत मान विषय : सभी जीवों के लिए और उनके
अस्तित्व के सभी स्तरों के लिए
संभव है। पदार्थ : भौतिक पदार्थों तक सीमित ।
सभी अनन्त स्वरूपों का बोध नहीं होता।
95 केवल मनुष्य के लिए और वह भी अध्यात्म की ओर कुछ प्रगति करने के बाद संभव है। तुलना में मनःपर्यव का विस्तार , सूक्ष्मतम बंशों तक भी होता