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________________ - उपदेश है और इस तरह मैंने अपने मन को पवित्र किया है। आज ब्रह्मचर्य का पालन करूँगा; आज मैंने असत्य माषण का त्याग किया है; आज से मैंने सत्य बोलने का निश्चय किया है। इससे डोगों को मेरे शब्दों पर विश्वास होगा । मैंने सब प्रकार के मादक पदार्थों का त्याग किया है समयबाह्य भोजन का त्याग किया है। मध्याह्न के पूर्व एक ही बार मुझे भोजन करना है। आज नृत्य गीत, वाद्य, माला, गंध, आभूषण आदि को त्याग रखगा। आज मैं एकदम सादी शय्या पर शयन करूंगा। ये आठ नियम पालकर मैं महात्मा बुद्ध पुरुष का अनुकरण करनेवाला हो रहा हूँ।" ५. सात प्रकार की पत्नियाँ: ___ बधिक, चोर, सेठ, माता, बहिन, मित्र और दासी ऐसी सात प्रकार की पत्नियां होती हैं। जिसके अन्तःकरण में पतिके प्रति प्रेम नहीं होता, जिसे पैसा ही प्याग होता है वह खी बधिक यानी हिंसक की तरह है। जो पति के पैसे में से चोरी करके अलग से धन जमा करती है वह चोर की तरह है। जो काम नहीं करती लेकिन बहुत खानेवाली है; पति को गाली देने में कसर नहीं रखती और पति के परिश्रम की इज्जत नहीं करती वह सेठ के समान है। जो पत्नी एकमात्र पुत्र के समान पति की संभाल रखती और संपत्ति की रक्षा करती है वह माता के समान है। छोटी बहन की तरह पति का जो आदर करती है और उस क ती है वह बहन के समान है। जैसे कोई मित्रले समय के बाद मिलता है वैसे ही पति को देखकर जो अति जग है ऐसी
SR No.010086
Book TitleBuddha aur Mahavir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKishorlal Mashruvala, Jamnalal Jain
PublisherBharat Jain Mahamandal
Publication Year1950
Total Pages165
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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