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समानता और शिसिमता २४५
उत्सूलक
कन्याओ का अपहरण करनेवाले। लोमहार अत्यन्त क्रूर होते थे। वे अपने आपको बचाने के लिए मानवों की हत्या कर देते थे। प्रन्थि भेदक के पास विशेष प्रकार की कचियां होती थी जो गांठों को काटकर धन का अपहरण करते थे। नगर की सुरक्षा के लिए जो साधन काम में लिये जाते थे उनमें से कुछ के नाम प्रस्तुत सूत्र म मिलत है - प्राकार
घलि अथवा इटो का कोट । गोपुर
प्रतोलीद्वार या नगरद्वार । अट्टालिका प्राकार कोष्ठक के ऊपर आयोधन स्थान अर्थात् बुज ।
खाइयाँ या ऊपर से ढके गर्त । उस युग म प्राय साम्राज्य को विस्तृत करने की भावना से युद्ध हुआ करते थे। युद्ध म विजय-वैजयन्ती फहराने के लिए रथ अश्व हाथी और पदाति ये अत्यन्त उपयोगी होते थे। युद्ध म घोडो का भी अत्यन्त महत्त्व था। वे तेज तर्रार होत थे। शत्रु सेना म घुसकर उसे छिन्न भिन्न कर देत थे। घोड अनक किस्म के होते थे। कम्बोज देश के आकीण और कम्यक घोड प्रसिद्ध थे। माकीण की नस्ल ऊंची होती थी और कथक पत्थर आदि के श द से भी भयभीत नही होते थे। युद्ध मे हाथी की अनिवाय आवश्यकता रहती थी। हाथी भी अनक जातियो के होत थे। गन्धहस्ती सर्वोत्तम हस्ती था। उसके मल-मूत्र म इतनी गध होती थी कि उससे दूसरे सभी हाथी मदोन्मत्त हो जाते थे। वह जिपर जाता सारी दिशाए गप से महक उठती थी।
उस समय यन में अनेक प्रकार के अस्त्र-शस्त्रों का प्रयोग होता था जिनका नामोल्लेख प्रस्तुत सूत्र में हुआ है-असि शत्पनी करपत्र ककच कुठार कल्पनी
उत्तराध्ययन ७५
१ अन्नदत्तहरे तेणेमाई कण्हहरेसढे। २ पागार कारइत्ताण गोपुरट्टालगाणिय उस्सूलग ।
१८ तथा ९२-२२।
३ हयाणीए गयाणीए रहाणीए तहेव य । पायन्ताणीए महया सव्वोपरिवारिए ।
वही १८।२। ४ वही ११॥१६॥ ५ मत पगन्धहत्यि वासुदेवस्स ।
नही २२१ ।