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बयाना जैन समाज को बाबूजी का भपूर्व सहयोग इस सम्बन्ध में पाप शीघ्र कार्यवाही करें और हमें उनके बँट जाने के १०-१२ घन्टे बाद यह नोटिस तुरन्त अपने विचार से सूचित करें।"
भी जरूर जरूर भिजवा दें।
प्रसिद्ध पत्र इंगलिश मैन ने भी हाल छापा है। दिनांक १०-८-२६-"कृपा कर २७ तारीख तक रोजाना एक लिफाफा भेजते रहिये, जिसमें
कटिंग भेजते हैं।" नित्य का समाचार मालूम होता रहे। यहां इंगलिश दिनांक २६-८-२६-"नजीरें दिखाने के लिये का बंगाली एक प्रसिद दैनिक पत्र है। सरकार भी हमने एक स्थानीय बैरिस्टर से तय कर लिया है, इस पत्र का ख्याल करती है। इसमें बयान के प्रापको लिखेंगे । जो लोग विरोध को पहुँचे हों वे सम्बन्ध में लेख छपा है। सम्पादक ने भी टिप्पणी वे ही होने चाहिये जो समय समय पर प्रापको लिखी है । सो प्रापके पास भेजते हैं।
धमकी देते रहे होंगे और जिनसे अपने को खतरा
हो सकता है। सालभर इन लोगों को नेक चलनी १५ तारीख के लीडर ने भी इस सम्बन्ध में
के राज मुचलके ले ले, ऐसी दरख्वास्त फौजदारी "जैनियों का दुःख" शीर्षक सम्बाद छापा है ।" .
अदालत में प्रापको कर देनी चाहिये।" दिनांक १७-८-२६-"अाज बुक पोस्ट से दिनांक ६-६-२६-"श्री चांदकरणजी शारदा २५ व अनरजिस्टर्ड पार्सल से १०० ट्रैक्ट रवाना को पत्र डाल दिया गया है और प्राशा है उसमें भी किये जाते हैं । खास खास विरोधियों के घरों में, अपने को सफलता मिलेगी।" दुकानों में जहाँ मिले जल्दी से जल्दी पहुंचा दें।" प्रापके सभी पत्र विस्तार के साथ लिखे हये हैं।
किन्तु मैने तो केवल कुछ पत्रों की कुछ पंक्तियाँ ही दिनांक २०-८-२६-“२०० कापियाँ कल दिन रजिस्टर्ड पार्सल से और भेजी हैं। हमने काफी
देने का प्रयास किया है। आपके अदम्य उत्साह और
अपार सहयोग को पाकर ही हमारी समाज की संख्या में छपाई हैं, सो अच्छी तरह बांटियेगा । एक भी विरोधी ऐसा न रहना चाहिये जिस तक इसकी
विजय हुई और शीघ्र ही हमारे यहाँ बड़े समारोह प्रति न पहुंचे।"
और धूमधाम के साथ जैन रथोत्सव मेला हुप्रा ।
बयाना जैन समाज प्रापकी चिर ऋणी है । प्रापकी दिनांक २२-८-२६-"प्राज बुक पोस्ट से स्मृति स्वरूप भारतवर्षीय जैन समाज की पोर से २०० विज्ञापन भेजे हैं। दक्ट मापने बंटवा दिये जो ग्रंथ निकाला जा रहा है वास्तव में ही वे उसके होंगे। न बँटवाये हों तो तुरन्त बंटवा दीजिये और अधिकारी थे।