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[ गोम्मटसार जीवकाण्ड गाथा ६०० ६८६ 1 है । नाना पंक्ति कहा ? जो ए वर्गणा कही, ते वर्गणा लोक विष वर्तमान कोई एक काल में केती-केती पाइए है ? जैसी अपेक्षा करि कहै हैं -
परमाणु वर्गणा तै लगाइ, सांतरनिरंतरवर्गणा पर्यंत पन्द्रह वर्गणा समान परमाणूनि का स्कंधरूप लोक विष पुद्गलद्रव्य का जो प्रमाण, ताका जो वर्गमूल, ताका अनंत गुणा कीए, जो प्रमाण होइ, तितनी-तितनी पाइए है। तहां इतना विशेष है जो ऊपरि किछू घाटि-घाटि पाइए है। तहां प्रतिभागहार सिद्धराशि का अनंतवां भाग (मात्र) है । सो कहिए है -
अणुवर्गण. लोक विषे जेती पाइए है, तिस प्रमाण को सिद्धराशि का अनंतवां भाग का भाग दीए, जो प्रमाण आवै, तितना अणुवर्गणा का परिमारण में घटाए, जो प्रमाण रहै, तितनी दोय परमाणू का स्कंधरूप संख्याताणुवर्गणा जगत विर्षे पाइए है। इसको सिद्धराशि का अनंतवां भाग का भाग दीएं, जो प्रमाण आवै, तितना तिस ही मै घटाइए, जो प्रमाण रहै, तितनी तीन परमाणू का स्कंध रूप संख्याताणु वर्गणा लोक विष पाइए है । इस ही अनुक्रम ते एक-एक अधिक परमाणू का स्कंध का प्रमाण करते जहां उत्कृष्ट संख्याताणुवर्गणा भई, तहां जो प्रमाण भया, ताकौं सिद्ध राशि का अनंतवा भाग का भाग दीए, जो प्रमाण होइ, तितना तिस ही मैं घटाए, जो अवशेष रहै, तितना जघन्य असंख्याताणु वर्गणा लोक विर्षे पाइए है। याको तेसै ही भाग देइ घटाए, जो प्रमाण रहै, तितनी मध्य असंख्याताणु वर्गणा का प्रथम भेद रूप वर्गणा लोक विष पाइए है । सो असे ही एक-एक अधिक परमाणूनि का स्कध का प्रमाण अनुक्रम तै सातरनिरंतर .वर्गणा का उत्कृष्ट पर्यंत जानना। सामान्यपन सर्व जुदी-जुदी वर्गणानि का प्रमाण अनंत पुद्गल राशि का वर्गमूल मात्र जानना । बहुरि प्रत्येक शरीर वर्गणा का जघन्य तौ पूर्वोक्त प्रयोग केवली का अन्त समय विष पाइए; सो उत्कृष्ट पनै च्यारि पाइए है । बहुरि उत्कृष्ट प्रत्येक शरीर वर्गणा स्वयंभूरमण द्वीप का दावानलादिक विषै पाइए; सो उत्कृष्ट पनै प्रावली का असंख्यातवां भाग प्रमाण पाइए है। बहुरि बादर निगोद वर्गणा का जघन्य तौ पूर्वोक्त क्षीण कपाय गुणस्थान का अंत समय विषै पाइए; सो उत्कृष्ट पनै च्यारि पाइए है । अर बादर निगोद वर्गणा का उत्कृष्ट महामत्स्यादिक विष पाइए; सो उत्कृष्ट पनै प्रावली का असख्यातवा भाग प्रमाण पाइए है। बहुरि सूक्ष्म निगोद वर्गणा जघन्य तौ वर्तमान काल विष जल में वा स्थल मे वा आकाश में आवली का अमत्यातवा भाग प्रमाण पाइए है, अर सूक्ष्मनिगोद वर्गणा उत्कृष्ट भी आवली का