SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 533
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ सम्यग्ज्ञानचन्द्रिका भाषाटीका ] [ ६०५ ____टीका - नील लेश्या का उत्कृष्ट अंश करि मरे, ते जीव पंचम पृथ्वी का द्विचरम पटल का अध्र नामा' इंद्रक विष उपज है ।, केई पाचवा पटल विष भी उपज है। अरिष्ट पृथ्वी का अंत का पटल विष कृष्ण लेश्या का जघन्य अंश करि मरे हुए भी केई जीव उपजे है। इतना विशेष जानना । बहुरि नील लेश्या का जघन्य अशा करि मरै, ते जीव वालुका पृथ्वी का अंत का पटल विषै सप्रज्वलित नामा इंद्रक विषै. उपज है । बहुरि नील लेश्या का मध्यम अंश करि मरे, ते जीव बालुका प्रभा पृथ्वी के संप्रज्वलित इद्रक ते नीचे अर चौथी पृथ्वी का सातौ पटल पर पचमी पृथ्वी का अंध्र इ द्रक के ऊपरि यथायोग्य उपजै है। वर-कामोदंसमुदा, संजलिदं जांति तदिय-णिरयस्स । सीमंतं अवरमुदा, मज्झे मज्झेरण जायंते ॥२६॥ वरकापोतांशमृताः, संज्वलितं यान्ति तृतीयनिरयस्य । सोमन्तमवरमृता, मध्ये मध्येन जायन्ते ॥२६॥ टीका - कापोत लेश्या का उत्कृष्ट अंश करि मरे, ते. जीव तीसरी पृथ्वी का आठवां द्विचरम पटल ताके सज्वलित नामा इंद्रक विष उपज है । केई अत का पटल सबधी सप्रज्वलित नामा इद्रक विष भी उपज है। इतना विशेप जानना । बहुरि कापोत लेश्या का जघन्य अश करि मरे, ते जीव पहिली धर्मा पृथ्वी का पहिला सीमतक नामा इ द्रक, तिस विष उपज है । बहुरि कापोत लेश्या का मध्यम अश करि मरे, ते जीव पहिला पृथ्वी का सीमत इंद्रक ते नीचे बारह पटलनि विषै, बहुरि मेघा तीसरी पृथ्वी का द्विचरम सज्वलित इद्रक ते ऊपरि सात पटलनि विपे, बहुरि दूसरी पृथ्वी का ग्यारह पटल, तिन विष यथायोग्य उपजे है। किण्ह-चउक्काणं पुण, मज्झस-मुदा हु भवणगादि-तिये । पुढवी-बाउ-वणप्फदि-जीवेसु हवंति खलु जीवा ॥५२७॥ कृष्णचतुष्काणां पुन., मध्यांशमृता हि भवनकादित्रये । पृथिव्यन्वनस्पतिजीवेषु भवन्ति खलु जीवाः ॥५२७॥ टीका - पुनः कहिये यह विशेष है - कृष्ण - नील - कपोत नील लेण्या, तिनके मध्यम अंश करि मरे जैसे कर्म भूमिया मिथ्यादृष्टी तिर्यच ना भनुप्प पर
SR No.010074
Book TitleSamyag Gyan Charitra 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYashpal Jain
PublisherKundkund Kahan Digambar Jain Trust
Publication Year1989
Total Pages716
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy