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जरूरी भेदाभेद
उन्होंने कहा कि रायसाहबने फरमाया था कि मै इत्तला दूं कि बहुत दिन हो गये है । न हो तो, और मकान देख लें।।
मैने हँसकर कहा-और मकान ! लेकिन किराया तो वहाँ भी देना होगा न ? मुश्किल तो वही है। मुंशीजी सहानुभूतिके साथ मेरी ओर देखते रह गये।। मैने उन्हें देखकर कहा-खैर, जल्दी ही में किराया मिजवा दूंगा।
-~-जी हाँ, जल्दी भिजवा दीजिएगा । और आयन्दासे तीस तारीख तक भिजवा दे तो अच्छा । रायसाहबने कहा था
मैंने कहा- अच्छा
मुंशीजी फिर आदाब बजा लाकर चले गये । उनके चले जानेपर . मैंने पुनः अपने लेखकी ओर ध्यान किया जो लाजिमी तौरपर .. जबर्दस्त लेख होनेवाला था।
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