________________ शब्दकोष प्रतिमा विराजमान रहती है। / जयणा-यतना पा० सावधानता गरज ज़रूरत जल्द जल्दी, शीघ्र गईणा निन्दा जीवना पं० जीना गारत नष्ट गिलास गीलापन गुमड़ा गु० फोडा टटरी खोपड़ी गुरां पं० गुरु टिकी हुई स्थिर गोप रक्षक, त्राता टोली समूह घणे गु० बहुत से डाकन प० डाकिन, चुडैल डाम दर्भ, घास विशेष चानणे प्रकाश में चौला पा० चार व्रत ढव आदत ढोघे अर्पण करे दौकन भेट, अर्पण छाना गु• छिपा छैकड़ प० आखीर छेडे गु० आखोर में तगादा मांग तजना छोडना ततीरी धार तदभावे उसके अभाव में .] तस्कर चोर / जने पं० जन, व्यक्ति जमणा गु० दायां /