________________ जैनतत्त्वादर्श इजारे ठेका, किराया पंखा पा० आकांक्षा कंडे पं० कोटे कमोवेश कमती बढ़ती, थोडा ईटपचावा आवा बहुत ईषत् थोड़ा कर्णिका कमल का मध्य भाग कर हाथ उघराणी गु० उगराही करार नियत किया हुआ समय उघाड़ा गु० खुला करावने कराने उच्चार पा० विष्टा कल्पना उचित-योग्य होना उतावल गु० जल्दी काजा गु० कूडा कचरा उलांभा पं० उपालम्भ कार्मण मन्त्र, जादू कूड़ी झूठी कौल प्रतिज्ञा . ऊंडा गु० गहरा ख ऊंबियां गेहूं के भुने हुए बिहे खरची माता आदि खाड़ा गु० गढ़ा एक बारगी एक ही बार खेल खंखार थूक आदि ओ खोटी दूरी ओसामण गु० दाल का गर्म किया हुआ.पानी। | गंभारा पा० जिस कमरे में जिन: ग