SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 572
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ शब्दकोष कठिन, प्रान्तीय और पारिभाषिक शब्दों का अर्थ अफ्यून अफीम अवन्धि बन्धन रहित अंगलूहना पा० जिनप्रतिमा को अमारी ढंढेरा हिंसा न करने की पूंछने का वस्त्र घोषणा करना अंजली बांध कर हाथ जोड़ कर अलसुपलसु जैसे तैसे अंच पं. भाम अशक्यपरिहार जिसे दूर नहीं अगुवा-अगाडी करे आगे करे कर सकते अचिच पा० जीवरहित अटकाव रुकावट अडिगपने निश्चलता से आइवाइ कहना सुनना (चकित हो०) अदहाधर्मी जिसे अग्नि जला आगर वन नहीं सकती आगार छूट अनचिन्त्याजिस का पहिले विचार आचीर्ण ग्रहण करने योग्य न किया हो / आरात्रिक आरती अनतिक्रमणीय उलटुन के अयोग्य | आलेखन रचना, बनाना अनाचीर्ण त्यागने योग्य आलोचे-आलोषे पश्चात्ताप-प्रायअन्तेउर महल श्चित करे अपरिकर्मित शृक्षार आदि से रहित | आवता मानेवाला, भावी
SR No.010065
Book TitleJain Tattvadarsha Uttararddha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherAtmanand Jain Sabha
Publication Year1936
Total Pages384
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy