________________ द्वादश परिच्छेद वर्ष के हिसाव प्रमाण मेरे सर्व राज्य में किसी जीव की हिंसा नं होवे / तथा शिकार करना तथा पक्षियों का पकड़ना, मारना, तथा मछलियों का मारना, ये बंद किया जावे, तथा इस तरे के और भी काम इन पूर्वोक्त दिनों में न होने चाहियें / ये बात जरूर है कि, पूर्वोक्त हुकम प्रमाण हमेशा चलाने की कोशिश करके मेरे फरमान के हुकम से कोई फिरे नहीं, विरुद्ध चले नहीं। लिखा ता० माह सहरयर में सन् 3 जुलसी / यह फरमान खानजहान् के चौपानियां तथा सेवक अलीतकी के वर्तमान पत्र में दाखल हुआ। तरजुमा करनेवाला मुनशी सैयद अबदुल्लामीयां साहिब उरैजी। 60. श्री विजयसेनसूरि पट्टे विजयदेवसूरि हुये, तिन का 1634 में जन्म, 1643 में दीक्षा, 1655 में पंडित पद, 1656 में उपाध्याय पद पूर्वक आचार्य पद, और 1681 में स्वर्ग हुआ। 61. श्री विजयदेवसूरि पट्टे विजयसिंहसूरि हुये, तिन का 1644 में जन्म, 1654 में दीक्षा, 1673 में वाचक पद, 1682 में सूरि पद, और 1708 में स्वर्ग हुआ / 62. श्री विजयसिंह तथा विजयदेवसूरि पट्टे विजयप्रमसूरि हुये, तिनका 1675 में जन्म, 1689 में दीक्षा, 1701