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नवम परिच्छेद पूछना, जय प्रश्न, लाभ प्रश्न, धन उत्पन्न करने का प्रश्न, वर्षने का प्रश्न, पुत्र होने का प्रश्न,
मेघ
युद्ध का प्रश्न, जाने आने का प्रश्न; इतने प्रश्न जेकर पृथ्वी अरु जल तत्व में करे, तो शुभ होवे । जेकर अग्नितत्त्व अरु वायु तत्त्वके वहते हुए ये प्रश्न करे, तो शुभ नहीं । पृथ्वी तत्त्व में प्रश्न करे तो कार्य की सिद्धि स्थिरपने होवे अरु जल तत्त्व में शीघ्र कार्य होवे |
जब पहल पहिले जिनपूजा करे, तथा धन कमाने के वास्ते जावे । पाणिग्रहण - विवाह की वेला, गढ़ लेने की वेला, नदी उतरने की वेला तथा जो गया है सो आवेगा कि नहीं ! ऐसे प्रश्न करती वेला । जीवन के प्रश्न में तथा घर, क्षेत्रादि
लेती बेला, करियाना लेते बेचते, वर्ष के प्रश्न में, नौकरी करने की वेला, खेती करने के वक्त, शत्रु के जीतने में, विद्यारम्भ में, राज्याभिषेक में, इत्यादि वहे, तो कल्याणकारी है ।
शुभ कार्य में चंद्रनाडी
प्रश्न के समय कार्य के आरम्भ में पूर्ण वामी नाडी प्रवेश करती होवे, तो निश्चय कार्य की सिद्धि जाननी इस में संदेह नही । तथा कैद से कब छूटेगा ? रोगी कब अच्छा होवेगा ! अरु जो अपने स्थान से भ्रष्ट हुआ है, तिसके प्रश्न में तथा युद्ध करने के प्रश्न में, बरी को मिलती वक्त, अकस्मात् भय हुआ, स्नान करने लगे, भोजन पानी पीने लगे, सोने लगे, गई वस्तु के खोज करने में, मैथुन करने लगे, विवाद करने में, कष्ट में, इतने कार्यों में सूर्यनाड़ी शुभ है ।