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युवक समाज
द्वारा
प्राबू आन्दोलन मे आपने देश के विभिन्न भागो मे दौरे किए। विशेषकर राजस्थान मे यह अत्यन्त महत्वपूर्ण रहे। जगह-जगह समाज की ओर से मान-पत्र भेंट किए गए। थैलियां भेंट की गई। और आपको आश्वासन दिया गया कि आन्दोलन मे हम तन-मन-धन से अापके साय है । उस समय के अभिनन्दन पत्रो में प्राप्तयुवफ समाज की ओर से दिया गया ऐसा ही एक अभिन्दन-पत्र इस प्रकार है।
सत्कार
अभिनन्दन-पत्र
महावीर हीरोज लाडनूं (मारवाड)
हे कर्मवीर ।
पाज आपने हमारे नगर मे अपने सहयोगियो सहित पधारकर जो अनुगृहीत किया है उसके . लिए हम आपके आभारी है। हम आपकी पवित्र सेवा मे सम्मानस्प यह अभिनन्दन-पत्र भेट करते हुए फूले नहीं समा रहे है । यो तो आप अनेको राष्ट्रीय एव धार्मिक कार्यों को तन-मन-धन से करते रहते है किन्तु वर्तमान मे जो आपने पावू मन्दिर टैक्स आन्दोलन को उठाकर सोती हुई हिन्दू तथा जैन जाति को उसके जातीय अपमान का ध्यान दिलाया है-वह प्रणसनीय ही नहीं अपितु ससार के इतिहास में स्वर्णाक्षरो से लिखा जायगा।
"मावू के मन्दिरो पर सिरोही स्टेट द्वारा लगाया हुआ टैक्स टैक्म नही किन्तु कलंक है। यह टैक्स हमारी धार्मिक स्वाधीनता मे वाधक है तथा स्वाभिमान का घातक है " आपके इस पुनीत सन्देश से जनता मे क्रान्ति मच गई है और वह अब आप जैसे कर्मवीर नेता के साथ अपने पार्मिक अधिकारो के लिए सब कुछ न्यौछावर करने को तैयार है। हमारे महावीर हीरोज़ को आप जैसे कर्मठ नेतानो पर अभिमान है। हम आपको विश्वास दिलाते है कि जाति और धर्म के प्रत्येक यज्ञ मे आपके निर्देश पर सदैव हर प्रकार का त्याग करने को तैयार रहेंगे।
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