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भा० दि० जैन परिषद के प्राण
श्री तनसुखराय एक तेजस्वी पुरुष
थे । उनके हृदय में देश सेवा की भाग सुलगती रहती थी । सामाजिक कार्यों मे I उनका बहुत उत्साह था । जब कठिन से कठिन कार्य का अवसर आता तो उनका साहस बहुत बढ जाता था । नि सदेह वे एक साहसी और दृढ कर्मठ थे पुरुष भा० दि० जैन परिषद के तो प्राण ही थे। उन्होने समाज में 'अपूर्व साहस से कार्य किया। समाज में उनकी स्मृति सदैव बनी रहेगी ।
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श्रीमन्त तनसुखराय जैन
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योभूरि सुकृता सदाशामलता जीवेषु सजीवताम् । याम. सय मिने जिनोन्नत जिनाचार रूप सचारनाम् । aar कम्पनिकासुता सुविदितो बीमावता ख्यातिमान् । श्रीमान् तनसुखराय जैन विबुधो भूद् भारतीयो महान् ॥ ज्ञानी ज्ञानजने गुणी गुणीजने मानी सदा मानिनि । त्यागी त्यागीजनोजयी विजायिनि प्राज्ञस्तु विद्वज्जने । रागी रागीजने पटु पदुजने जैनेषु जैनाग्रणी ।
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लाला
राजेन्द्रकुमार जैन
बैंकर्स
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अध्यक्ष
भा० दि० जैन परिषद्
हजारीलाल जैन 'प्रेमी'
नागरा