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________________ जैनसाहित्य और इतिहासपर विशद प्रकाश गाथाओं के अर्थको भले प्रकार सुनकर यतिवृषभाचार्यने उन पर चूरिंग सूत्रोंकी रचना की, जिनकी संख्या छह हजार श्लोक - परिमारण है । इन चूरिंग सूत्रोंको साथमें लेकर ही जयधवला - टीकाकी रचना हुई है, जिसके प्रारम्भका एक तिहाई भाग ( २० हजार श्लोक - परिमाण ) वीरसेनाचार्यका और शेष ( ४० हजार श्लोक-परिमाण ) उनके शिष्य जिनसेनाचार्यका लिखा हुआ है । जयधवलामें चूरिंणसूत्रों पर लिखे हुए उच्चारणाचार्यके वृत्ति-सूत्रोंका भी कितना ही उल्लेख पाया जाता है परन्तु उन्हें टीकाका मुख्याधार नहीं बनाया गया है और न सम्पूर्ण वृत्ति-सूत्रोंको उद्धृत ही किया जान पड़ता है, जिनकी संख्या इन्द्रनन्दिश्रुतावतारमें १२ हजार श्लोक - परिमाण बतलाई है । इस प्रकार संक्षेपमें यह दो सिद्धान्तागमोंके अवतारकी कथा है, जिनके आधारपर फिर कितने ही ग्रंथोंकी रचना हुई है । इसमे इन्द्रनन्दिके श्रुतावतारसे अनेक अंशोंमें कितनी ही विशेषता और विभिन्नता पाई जाती है, जिसकी कुछ मुख्य मुख्य बातोंका दिग्दर्शन, तुलनात्मक दृष्टिमे, इस लेखके फुटनोटोंमें कराया गया है । यहाँ पर में इतना और बतला देना चाहता हूँ कि धवला और जयधवलामें गौतम स्वामीसे आचारांगधारी लोहाचार्य तकके श्रुतधर श्राचार्यों की एकत्र गणना करके और उनकी रूढकाल-गणना ६८३ वर्षकी देकर उसके बाद घरसेन और गुणधर आचार्योंका नामोल्लेख किया गया है, साथमें इनकी गुरुपरम्पराका कोई खास उल्लेख नहीं किया गया और इस तरह इन दोनों प्राचार्यों का समय यों ही वीर - निर्वाणसे ६८३ वर्ष बादका मूचित किया है । यह सूचना ऐतिहासिक दृष्टिसे कहाँ तक ठीक है अथवा क्या कुछ आपत्तिक योग्य है इसके विचारका यहाँ अवसर नहीं है। फिर भी इतना ज़रूर कह देना होगा कि मूल सूत्रग्रन्थोंको देखते हुए टीकाकारका यह मूचन कुछ त्रुटिपूर्ण अवश्य जान पड़ता है, जिसका स्पष्टीकरण फिर किसी समय किया जायगा । * इन्द्रनन्दिने तो अपने श्रुतावतारमें यह स्पष्ट लिख दिया है कि इन गुणधर श्रीर धरसेनाचार्यकी गुरूपरम्पराका हाल हमें मालूम नहीं है, क्योंकि उसको बतलानेवाले शास्त्रों तथा मुनि-जनोंका इस समय अभाव है ।
SR No.010050
Book TitleJain Sahitya aur Itihas par Vishad Prakash 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Shasan Sangh Calcutta
Publication Year1956
Total Pages280
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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