________________ नामाऽनुक्रमणी कलङ्क 326, 464, 465, 473, अजितसेनाचार्य 165, 168, 357, 474,475, 527, 530, 555, पाजतंजय 582. 641, 642, 644, अटक (पजाब) अकलंक्यन्यत्रय 324. 326. 327. अनगारधर्मामृत 328 मनन्तवीर्य 465, 581,582, 653, प्रकलंकचरित 541, 545, 656 अनुनगेपपाददशांग 464, 467 प्रकलकदेव 68. 160, 175. 182, मनुप्रेक्षा कातिकेय) 462 183, 187, 207, 227.253, अनुोगद्वारसूत्र 256, 260, 273, 274, 275. 278, 27, 286, 264 300, अनेकान्त (मासिक) 45. 46, 47, 307, 308, 306, 318, 321, 101, 125, 245, 253,346, 470,475, 502, 541,544, 352, 446, 466, 468.472, 545 561, 565, 568,581, 613, 625.628, 636.653. 473, 474. 475.483, 487, 654, 655, 656,658, 663, 558, 577, 567.658 अनेकान्तजयपताका 166, 266, पग्निभून 62 268 310. 506 पग्निराज 464 अन्तर्दीपज 680, 681 प्रत्युतराय 643 अन्ध्रदेश प्रजातशत्रु भन्ययोग-व्यवच्छेद-द्वात्रिशिका 282 पणित (तीर्थकर) पपराजित प्रजित (ब्रह्म) 165 अभयचन्द्र अजितनाव 73 अभयचन्द्र (सिद्धान्तचक्रवर्ती) 280