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________________ '582 जैनसाहित्य और इतिहासपर विशद प्रकाश . "प्रसिद्ध इत्यादि, स्वलक्षणैकान्तस्य साधने सिद्धावङ्गीक्रियमानायां सर्वो हेतुः सिद्धसेनस्य भगवतोऽसिद्धः / कथमिति चेदुच्यते ........ / तत: सूक्तमेकान्तसाधने हेतुरसिद्धः सिद्धसेनस्येति / कश्चित्स्वयूध्याऽत्राह-सिद्धसेनेन कचित्तस्याऽसिद्धस्याऽवचनादयुक्तमेतदिति / तेन कदाचिदेतत श्रुतं- 'जे संतवायदोसे समोल्लूया भणति सखाएं। संस्खा य असल्याए तेसिं सव्वे वि ते मया / " इन्हीं सब बातोंको लक्ष्यमें रखकर प्रसिद्ध श्वेताम्बर विद्वान स्वर्गीय श्रीमोहनलाल दलीचन्द देशाई बी. ए. एल.एल. बी., परलोकेट हाईकोर्ट बंबईन, अपने 'जैनमाहित्यनो मक्षिस निहाम' नामक गुजगती प्रन्य(पृ०११६ / में लिखा है कि "सिद्धमनमूरि प्रत्येनो पादर दिगो विद्वानोमा रहना देखाय छ' अर्थात् ( सन्यनिकार ) मिडमनाचार्य के प्रति पादर दिगम्बर विद्वानाम रहा दिखाई पडता है-श्वेताम्बगेम नहीं। माथ ही हरियापुराण राजवानिक, सितिविनिश्चय टीका, रत्नमाला. पाश्वनाथरिन पोर का खप्डन-जैसे दिगम्बर ग्रन्थो तथा उनके ग्य ता जिनसेन, प्रकलक. अनन्तबीय. शिवकोटि, वादिराज और नमीट (घर) जैस गियर विद्वानोंका नामाल्लेख करते हुए यह भी बतलाया है कि इन दिगम्भर विद्वानांनं मिमनमूरि-मरधी और उनके मम्मतितकं सवधी उल्लेम्ब निमावर विय, और उन उल्लेबासे यह जाना जाता है, कि दिगम्बर ग्रन्दकामे पना समय तक मिटमनक (उक्त ग्रन्थका प्रचार था और वह प्रचार इतना अधिक था कि उसपर उन्हान रीका भी रची है। इस मार्ग पर्गिम्यानपरमे यह माफ समझा जाता और पनुभवमें पाता है. कि यन्मतिमूत्रके कर्ता मिसन तक महान दिगम्बगचायं थे, पोर इसमय 3. श्वेताम्बर-परम्पगका प्रथवा वेताम्बर का समर्थक प्राचार्य बतलाना काग कल्पनाके मिवाय और कुछ भी नहीं है। वे अपने प्रवचन-प्रभाव पाक्षिके कारण श्वेताम्बर-सम्प्रदायमें भी उसी प्रकारमे अपनाये गये हैं जिस प्रकार कि स्वाम: समन्तभद्र, जिन्हें श्वेताम्बर पट्टायलियोमे पहानायं तकका पद प्रदान किया गया है और जिन्हें पं० मुखलाल, पं.सरदाम और मनि जिनपिवन पादियो. बड़े श्वेताम्बर विद्वान भी अब श्वताम्बर न मानकर गिभर मानने मने है।
SR No.010050
Book TitleJain Sahitya aur Itihas par Vishad Prakash 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Shasan Sangh Calcutta
Publication Year1956
Total Pages280
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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