SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 529
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 525 सन्मतिसूत्र और सिद्ध मेन में बराबर डावाहोल चली जाती है। अाप प्रम्नन सिद्ध मेनका समय कभी विक्रमकी छठी शताब्दीमे पूर्व 5 वी शताब्दी बतलाते हैं, कभी छठी शताब्दीका भी उत्तरवर्ती समय X कह डालते हैं. कभी सन्दिग्धरूपमें छठी या मानवीं शताब्दीनिदिष्ट करने हैं और कभी 5 वी तथा 6 ठी शता. ब्दीका मध्यवर्ती काल प्रतिपादन करते है / और बड़ी मजे की बात यह है कि जिन प्रबन्धों के प्राधारपर मिदमेनदिवाकरका परिचय दिया जाता है उनमें 'न्यायावतार' का नाम तो किमी तरह एक प्रबन्धम पाया भी जाता है परन्न सिटसनकी कृनिम् में सन्मतिमूत्रका कोई उल्लम्ब कही भी उपलब्ध नहीं होना / इतने पर भी प्रबन्ध-वग्गिन मिद्धमेनकी कृनिया में उम भी शामिल किया जाना है !! यह कितने प्राचार्य की बात है इसे विन पाठक स्वयं समझ सकते है। प्रत्यकी प्रस्तावनाम 50 मुम्बलालजी प्रादिन, यह प्रतिपादन करते हुए कि 'उक्त प्रबन्योन के द्वात्रिविका भी जिनमे किमीकी म्नति नही है और जो अन्य दर्शनो तया वरनके मन यो निगा नया ममालोचनको लिए डा है स्तुनिष्प में परिगणित है पोर र दिवाकर (मिद्धमेन) के जीवन में उनकी कृतिरूपमे स्थान मिला है,' गएक. पली' ही बनाया है जो म्वदर्शनका निम्पण करनेवाले और दामिकामाय न उतरनेवाले (नीचा दर्जा न रखनेबाने ) गन्मतिप्रकरण की दिवाकरक जीवनजनान्त और उनकी कृतियों में स्वान क्यों नहीं मिला / परन्न रम पहनीका कोई ममुचित हल प्रस्तुत नहीं किया गया, प्राय: इतना कहार ही मन्तोष धारण किया गया है कि सन्मानप्रकरण पर बनीग लोकपरिमाण होता तो वह प्राकृतभाषामे होते हा भी मन्मतिप्रकरण-प्रस्तावना पृ० 16, .6464 / * . x जानबिन्दु परिचय प० / मन्मतिप्रकरणके मजी सस्करणका फोरवर (Forword ) और भारती विद्यामें प्रकाशित 'श्रीसिद्धसेन दिवाकरना ममयनो प्रस्न' नामक लेख-भा० वि० तृतीय भाग 10 152 / + प्रतिभामूति सिरमेन दिवाकर' नामक लेख -मारतीयविद्या तृतीय भाग 10 11 /
SR No.010050
Book TitleJain Sahitya aur Itihas par Vishad Prakash 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Shasan Sangh Calcutta
Publication Year1956
Total Pages280
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy