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________________ कार्तिकेयानुप्रेक्षा और स्वामिकुमार 466 इन दोनों थामोंकी लोक भावनाके प्रकरण के साथ कोई संगति नहीं बैठती पोर न अन्य में अन्यत्र ही कथनकी ऐसी शैलीको अपनाया गया है / इससे ये दोनोंही गाथा सपृ रूपने प्रक्षिप्त जान पड़ती है और अपनी इस प्रक्षिप्तताक कारण उक्त विरलागि माहि नच्च नामको गाथा नं० 276 की प्रक्षिमता. की सभावनाको प्रौर दृढ करती है। मेरी रायमे इन दोनों गाथानों की तरह 276 नम्बरको गाथा भी प्रक्षिप्त है. जिन किसीने मपनी अन्य प्रतिमें अपने उपयोग के लिए मभवन. गाया न 80 के ग्रामगाम हाशियेपर. उसके दिग्गके में नोट कर रवाना होगा, मोर जो प्रनिलेम्बकको प्रमावधानीमे मूलम प्रवित हो गई है। प्रवेशका यह कार्य भ. शुभचन्दकी टीकासे पहले ही हमा है. इमा। इन तीनों गाया प्रोपर भी शुभ चन्द्र की टीका उपलब्ध है और उसमें (नदनमार जयनन्दजीवी भ पाटाका मे भी) बी पोचानानी के माथ इनका मम्बा जोनी चाटा की गई है, परन्ध जुमला नहीं है / मी यिनिमें उक्त गायाकी उपस्थिति परमे यह पता करना उसे स्वामिकमारने ही योगमारक दोहको परिवन करने बनाया है मचित प्रनीत नही होताखासकर उम हालत में जब कि ग्रन्थ भर मे मा भाषाक! और कोई प्रयोग भी न पाया जाना हो / वन रभव है कि किमी दूसरे विद्वनने दोको गावाका कप देकर उसे अपनी प्रन्यप्रनिमें नोट किया हो। और यह भी मम्भव है कि यह गाथा माघाराम पाठ-भेदके माथ अधिक प्राचीन हो और योगन्दने हो हमपरम घोडे में परिवन के साथ अपना उक्त दोहा बनाया हो, योनि योगीदक परममप्रकाश ग्रादि प्रथोम और भी कितने ही दोई गे पाये जाते है जो भावाहट तथा समातित्रादिके परमे परिवर्तन करके बनाये गये हैं और जिगेडाबटर माहबने स्वय स्वीकार किया है। जबकि स्वामिमारके इस प्रकी मी कोई बात अ तक. म.मने नहीं पाई-~कुछ गाधामी र दम्बन में पाती है जो कुन्दकुन्द तथा शिवार्यजैस प्राचार्याक प्रथाम भी ममान में पाई जाती है मार से प्रौर भी प्राचीन स्रोत मम्मन्ध रखने वाली हा मकती है, जिसका (क नमूना भावनापोंके नाम वाली गायाका कर दिया जा चुका है। अतः इस विवामपन्न गाथाके सम्बन्ध उस कल्पना करके यह नतीजा निकालना शि, यह प्रथ जोइन्दुके योगसारसे
SR No.010050
Book TitleJain Sahitya aur Itihas par Vishad Prakash 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Shasan Sangh Calcutta
Publication Year1956
Total Pages280
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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