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________________ ४० जैनसाहित्य और इतिहासपर विशद प्रकाश आधार पर उनके कथनको 'भूलभरा तथा अप्रामाणिक' तक कह डाला है उसे देखकर बड़ा ही आश्चर्य होता है। हमें तो बैरिष्टर साहबकी ही साफ़ भूल नज़र माती है। मालूम होता है उन्होंने न तो हेमचन्द्रके परिशिष्ट पर्वको ही देखा है और न उसके छठे पर्वके उक्त श्लोक नं० २४३ के अर्थ पर ही ध्यान दिया है, जिसमें साफ़ तौर पर वीरनिर्वाणसे ६० वर्षके बाद नन्द राजाका होना लिखा है । अस्तु, चन्द्रगुप्त के राज्यारोहण समयकी १५५ वर्षसंख्यामें प्रागेके २५५ वर्ष जोड़नसे ४१० हो जाते हैं, और यही वीरनिर्वाणसे विक्रमका राज्यारोहणकाल है। परन्तु महावीरकाल और विक्रमकालमें ४७० वर्षका प्रसिद्ध अन्तर माना है और वह तभी बन सकता है जब कि इस राज्यारोहणकाल ४१० में राज्यकालके ६० वर्ष भी शामिल किये जावें । ऐसा किया जाने पर विक्रमसम्वत् विक्रमकी मृत्युका सम्वत् हो जाता है और फिर सारा ही झगड़ा मिट जाता है । वास्तवमें, विक्रमसम्वत्को विक्रमके राज्याभिषेकका सम्वन् मान लेनेकी गलतोसे यह सारी गड़बड़ फैनी है। यदि वह मृत्युका सम्वत् माना जाता तो पालकके ६० वर्षाको भी इधर शामिल होनेका अवसर न मिलता और यदि कोई शामिल भी कर लेता तो उसकी भून शीव्र ही पकड़ ली जाती । परन्तु राज्याभिषेकके सम्वत्की मान्यताने उस भूनको चिरकाल तक बना रहने दिया । उसीका यह नतीजा है जो बहुतसे ग्रन्थोंमें राज्याभिषेक-संवत्के रूपमें ही विक्रमसंवत्का उल्लेख पाया जाता है और कालगणनामे कितनी ही गड़बड़ उपस्थित हो गई है, जिसे अब अच्छे परिश्रम तथा प्रयत्नके साथ दूर करनेकी ज़रूरत है। इसी ग़लती तथा गड़वड़को लेकर और शककालविषयक त्रिलोकसारादिकके वाक्योंका परिचय न पाकर श्रीयुत एस वी. वेंकटेश्वरने, अपने महावीर-समयसम्बन्धी-The date of Vardhamana नामक-लेखा मे यह कल्पना के देखो, विहार और उड़ीसा रिसर्च सोसाइटीके जनरलका सितम्बर सन् १९१५ का अंक तथा जैनसाहित्यसंशोधकके प्रथम खंडका ४ था अंक। + यह लेख सन् १९१७ के 'जनरल अाफ़ दि रायल एशियाटिक सोसाइटीमें पृ०१२२-३० पर, प्रकाशित हुआ है और इसका गुजराती अनुवाद जैनसाहित्यसंशोकषके द्वितीय खंडके दूसरे अङ्कमें निकला है ।
SR No.010050
Book TitleJain Sahitya aur Itihas par Vishad Prakash 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Shasan Sangh Calcutta
Publication Year1956
Total Pages280
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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