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________________ समन्तभद्र का समय और डा० के. बी. पाठक 311 'परीक्षामुख' शास्त्रका उक्त प्रमेयकमलमार्तण्ड भाष्य है और जिस भाष्यपर भी फिर अन्यद्वारा टीका लिखी गई है, और इसीलिये वे यह कहने लगे है कि माणिक्यनन्दीने विद्यानन्दका नामोल्लेख किया है सिद्धं सर्वजनप्रबोधजननं सद्योऽकलंकाश्रयं / विद्यानन्द समन्तभद्रगुणतो नित्यं मनोनन्दनम् / निर्दोषं परमागमार्थविषयं प्रोनं प्रमालक्षणम् / युक्त्या चेतसि चिन्तयन्तु सुधियः श्रीवर्धमानं जिनम् / / खुद पाठक महाशयने भी कहा है कि माणिक्यनन्दीने विद्यानन्दका नामोल्लेख किया है पोर वह इसी वाक्यको मारिणक्यनन्दीका वाक्य समझने की गलती पर प्राधार रम्वता हुमा जान पड़ना है। इसीसे डाक्टर सतीशचन्द्र विद्याभूषणको अपनी मध्यकालीन भारतीय न्यायशास्त्रकी हिस्टरीमें (पृ० 28 पर) यह लिखना पड़ा है कि 'मिस्टर पाठक कहते है कि माणिक्यनन्दीने विद्यानन्दका नामोन्नेम्व किया है, परन्तु खुद परीक्षामुख शास्त्रके मूल में ऐमा उल्लेख मेरे देखनेमे नही पाया / ' ऐमी हालत मे उक्त दोनों श्लोकोंकी स्थिति बहुत कुछ सन्देहजनक हैबिना किसी विशेष समर्थन तथा प्रमाणके उन्हें सुनिश्चित रूपसे समन्तभद्रका नही कहा जासकता और इसलिये उनके प्राधारपर जो अनुमान बाँधा गया है वह निदोप नहीं कहला सकता / यदि किसी तरह पर यह सिद्ध कर दिया जाय कि वे दोनों श्लोक ममन्तभद्रके ही हैं तो फिर दूसरी बातको सिद्ध करना होगा और उममें यह तो सिद्ध नहीं किया जा सकता कि भर्तृहरिसे पहले शब्दाद्वैत सिद्धान्तका माननेवाला दूसरा कोई हुआ ही नहीं ; क्योंकि पाणिनि प्रादि दूसरे विद्वान भी शब्दातके माननेवाले शब्द-ब्रह्मवादी हए है खुद भर्तृहरिने अपने 'वाक्यपदीय' ग्रन्थमें उनसे कितनोंही का नामोल्लेख तथा सूचन किगा है / और न तब यही सिद्ध किया जा सकता है कि उनमेंसे किसीके द्वारा "न सोम्नि प्रत्ययो लोके" जैसा कोई वाक्य न कहा गया हो। स्वतन्त्र रूपसे एक ही विषयपर लिखने बैठनेवाले विद्वानोंके साहित्यमें कितना ही शब्दसादृश्य स्वतः ही हो जाया करता है, फिर उस विषयके अपने पूर्ववर्ती विद्वानोंके कथनोंको पढ़कर तथा स्मरण कर लिखनेवालोंकी तो बात ही धी
SR No.010050
Book TitleJain Sahitya aur Itihas par Vishad Prakash 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Shasan Sangh Calcutta
Publication Year1956
Total Pages280
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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